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ईसीआई ने ईवीएम मतपत्रों को अधिक पठनीय बनाने के लिए दिशानिर्देश किए संशोधित, बिहार से होगी शुरुआत

भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने ईवीएम मतपत्रों को अधिक पठनीय बनाने के लिए दिशानिर्देश में संशोधन किया, जिसकी शुरुआत बिहार में होगी

ईसीआई ने ईवीएम मतपत्रों को अधिक पठनीय बनाने के लिए दिशानिर्देश किए संशोधित, बिहार से होगी शुरुआत
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ईवीएम मतपत्रों में बड़ा बदलाव: अब दिखेंगी रंगीन तस्वीरें, बिहार से होगी शुरुआत

  • बिहार चुनाव से पहले ईवीएम मतपत्रों में सुधार, उम्मीदवारों की तस्वीरें होंगी रंगीन
  • चुनाव आयोग ने बदले ईवीएम दिशानिर्देश, पठनीयता और पारदर्शिता पर विशेष जोर
  • ईवीएम मतपत्रों में सुधार की पहल, चुनाव आयोग ने जारी किए नए मानक

नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने ईवीएम मतपत्रों को अधिक पठनीय बनाने के लिए दिशानिर्देश में संशोधन किया, जिसकी शुरुआत बिहार में होगी। बिहार विधानसभा चुनाव में पहली बार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में उम्मीदवारों की रंगीन तस्वीरें होंगी और सीरियल नंबर भी अधिक प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाएगा।

चुनाव आयोग ने ईवीएम मतपत्रों की स्पष्टता और पठनीयता बढ़ाने के लिए चुनाव संचालन नियम 1961 के नियम 49बी के तहत मौजूदा दिशानिर्देशों में संशोधन किया है। यह पहल चुनाव प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित और बेहतर बनाने तथा मतदाताओं की सुविधा बढ़ाने के लिए पिछले 6 महीनों में ईसीआई द्वारा पहले ही की जा चुकी 28 पहलों के अनुरूप है।

चुनाव आयोग के अनुसार, अब से ईवीएम मतपत्रों पर उम्मीदवारों की तस्वीरें रंगीन प्रदर्शित होंगी। बेहतर दृश्यता के लिए उम्मीदवार का चेहरा फोटो के तीन-चौथाई हिस्से पर होगा। उम्मीदवारों और नोटा के सीरियल नंबर भारतीय अंकों के अंतरराष्ट्रीय रूप में मुद्रित किए जाएंगे। स्पष्टता के लिए फॉन्ट का आकार 30 होगा और बोल्ड में लिखा जाएगा।

ईसीआई ने कहा कि एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए सभी उम्मीदवारों और नोटा के नाम एक ही फॉन्ट प्रकार और आसानी से पढ़े जाने के लिए पर्याप्त बड़े फॉन्ट आकार में मुद्रित किए जाएंगे। ईवीएम मतपत्र 70 जीएसएम कागज पर मुद्रित किए जाएंगे। विधानसभा चुनावों के लिए निर्दिष्ट आरजीबी मानों के गुलाबी रंग के कागज का उपयोग किया जाएगा। आगामी चुनावों में उन्नत ईवीएम मतपत्रों का उपयोग किया जाएगा, जिसकी शुरुआत बिहार से होगी।

बता दें कि बिहार में अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कराया गया, जिसका विपक्ष लगातार विरोध कर रहा है। विपक्ष की ओर से चुनाव आयोग पर वोट चोरी के आरोप लगाए गए हैं। ऐसे में चुनाव आयोग द्वारा ईवीएम मतपत्रों को अधिक पठनीय बनाने के लिए दिशानिर्देश में किया गया संशोधन काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।


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