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पारदर्शी चुनाव के लिए ईसीआई की पहल, 6 महीने में उठाए ये बड़े कदम

भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए लगातार कदम उठा रहा है। इस बीच, चुनाव आयोग ने पिछले छह महीनों में चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए उठाए गए पहलुओं के बारे में जानकारी दी

पारदर्शी चुनाव के लिए ईसीआई की पहल, 6 महीने में उठाए ये बड़े कदम
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ईसीआई की 6 महीने की पहल: पारदर्शी चुनाव की ओर 28 ठोस कदम

  • चुनाव आयोग की डिजिटल क्रांति: मतदाता सूची से वेबकास्टिंग तक सुधार
  • पारदर्शिता, तकनीक और सहभागिता से सशक्त हुआ भारत का चुनाव तंत्र
  • मतदाता सूची की शुद्धता से लेकर वेबकास्टिंग तक, चुनाव आयोग की नई पहलें
  • ईसीआईनेट से एपिक नंबर तक: भारत में चुनावी पारदर्शिता का नया अध्याय

नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए लगातार कदम उठा रहा है। इस बीच, चुनाव आयोग ने पिछले छह महीनों में चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए उठाए गए पहलुओं के बारे में जानकारी दी। ईसीआई ने बताया कि पिछले छह महीनों में 28 महत्वपूर्ण पहल की गई हैं।

ईसीआई के अनुसार, इन पहलों में हितधारकों के साथ सहभागिता, निर्वाचन प्रणालियों की स्वच्छता, प्रौद्योगिकी का उपयोग, मतदाता सूचियों की शुद्धता, मतदान में सुगमता और क्षमता निर्माण पर विशेष ध्यान दिया गया है।

आयोग ने देशभर में 4,719 सर्वदलीय बैठकें आयोजित कीं, जिनमें 28,000 से अधिक राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इनमें मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) ने 40, जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) ने 800 और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों (ईआरओ) ने 3,879 बैठकें कीं। इसके अलावा, राष्ट्रीय और राज्यीय दलों के नेताओं के साथ 20 बैठकें आयोजित की गई हैं।

चुनाव आयोग ने बताया कि हमने 476 गैर-मान्यता प्राप्त पंजीकृत राजनीतिक दलों की पहचान कर 334 को सूची से हटाया है। भूमिकाओं की मैपिंग, बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) के लिए फोटो पहचान-पत्र, ईवीएम माइक्रोकंट्रोलर की जांच और तकनीकी एसओपी जैसे कदम उठाए गए। राष्ट्रीय सम्मेलनों और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की चुनाव प्रबंधन की भूमिका को और मजबूत किया गया है।

आयोग ने ईसीआईनेट डिजिटल प्लेटफॉर्म शुरू किया, जिसमें 40 से अधिक ऐप्स और वेबसाइटें शामिल हैं। मतदान केंद्रों पर 100 प्रतिशत वेबकास्टिंग, हर दो घंटे में मतदान डेटा अपलोड, डिजिटल इंडेक्स कार्ड और वीवीपैट गलतियों की जांच जैसे कदम उठाए गए हैं।

इसके अलावा, उपचुनावों से पहले संक्षिप्त पुनरीक्षण, मृत्यु पंजीकरण डेटा लिंकेज, यूनिक एपिक नंबर और 15 दिनों में मतदाता पहचान-पत्र डिलीवरी जैसे कदमों से मतदाता सूचियों को और सटीक बनाया गया है।

साथ ही, बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण के तहत मतदाता सूची के शुद्धिकरण पर फोकस किया गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी योग्य या पात्र मतदाता छूट न जाए और कोई भी अयोग्य या अपात्र नाम न रह जाए। इसके अलावा, लगभग दो दशकों में पहली बार 4 राज्यों में हाल ही में संपन्न उपचुनावों से पहले मतदाता सूचियों को संशोधित किया गया है। साथ ही, देश भर में विभिन्न व्यक्तियों के लिए समान एपिक नंबर समाप्त करने जैसे महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।


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