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सांसदों को हिरासत में लेना लोकतंत्र के इतिहास में काला दिन: अनुराग ढांडा

इंडिया गठबंधन के सांसदों ने संसद से चुनाव आयोग कार्यालय तक मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और कथित 'वोट चोरी' के खिलाफ विरोध मार्च निकाला

सांसदों को हिरासत में लेना लोकतंत्र के इतिहास में काला दिन: अनुराग ढांडा
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चुनाव आयोग पर पक्षपात के आरोप, लोकतंत्र खतरे में

  • डिजिटल वोटर लिस्ट की मांग पर सांसदों को हिरासत, आप ने बताया तानाशाही रवैया
  • चुनाव आयोग बना सरकार का पिट्ठू

नई दिल्‍ली। इंडिया गठबंधन के सांसदों ने सोमवार को संसद से चुनाव आयोग कार्यालय तक मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और कथित 'वोट चोरी' के खिलाफ विरोध मार्च निकाला। इस दौरान कुछ सांसदों को हिरासत में लिया गया। इसको लेकर सियासत तेज हो गई है।

इस मामले पर आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अनुराग ढांडा ने प्रतिक्रिया दी। उन्‍होंने इसे लोकतंत्र के इतिहास में काला दिन बताया।

अनुराग ढांडा ने कहा कि एक तानाशाह सरकार किस तरीके से लोकतंत्र को चलाना चाहती है, आज उसका जीता जागता उदाहरण लोगों ने देखा। विपक्ष के लगभग सभी सांसद चुनाव आयोग के कार्यालय की तरफ जा रहे हैं। लोकतंत्र में यह आयोग ईमानदार चुनाव की सीढ़ी है, अगर वहां पर सांसद जाकर कोई मुद्दा रखना चाहते हैं, मुझे नहीं लगता कि किसी लोकतांत्रिक देश में उनको वहां से उठाकर सलाखों के पीछे डाल दिया जाता होगा। जिस तरीके से पूरे विपक्ष के सांसदों को हिरासत में लिया गया, लोकतंत्र के इतिहास में काला दिन है और ये सांसद क्या मांग रहे थे?

उन्‍होंने कहा कि सांसद साफ-सुथरी वोटर लिस्ट की मांग कर रहे थे और सांसद डिजिटल लिस्‍ट की मांग कर रहे हैं। एक तरफ भारत को डिजिटल इंडिया बनाया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ अगर कोई डिजिटल वोटर लिस्ट मांग दे तो आपत्ति है। एसआईआर के तहत कर लाखों लोगों के वोट काट दिए जा रहे हैं। यह एक सेट पैटर्न है। चुनाव आयोग भाजपा की पूरी तरह से मदद कर रहा है। चुनाव आयोग को एक निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराने की जिम्‍मेदारी दी जाती है।

वोटर लिस्ट में धांधली को बताया लोकतंत्र से खिलवाड़

अनुराग ढांडा ने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव आयोग की चयन प्रक्रिया में बदलाव कर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को बाहर किया गया, जिससे आयोग सरकार के इशारों पर काम कर रहा है। चुनाव आयोग को सरकार अपने पिठ्ठू की तरह इस्तेमाल करना चाहती है। चुनाव आयोग हर प्रदेश में भाजपा की मदद करके सरकार बनाने का जिम्‍मा ले लेगा तो लोकतंत्र पर सवाल उठाना वाजिब है। वोटर लिस्‍ट का सही होना जरूरी है। उसमें अगर चुनाव आयोग धांधली करता है तो वह लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ है।


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