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दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गैंगस्टर कपिल सांगवान के करीबी के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने भगोड़े गैंगस्टर कपिल सांगवान उर्फ नंदू के क्राइम सिंडिकेट को बड़ा झटका दिया है। सिंडिकेट के मुख्य सदस्य मनोज यादव उर्फ कैरा के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी गई है

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गैंगस्टर कपिल सांगवान के करीबी के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट
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नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने भगोड़े गैंगस्टर कपिल सांगवान उर्फ नंदू के क्राइम सिंडिकेट को बड़ा झटका दिया है। सिंडिकेट के मुख्य सदस्य मनोज यादव उर्फ कैरा के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी गई है।

मनोज को पहले महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था और वह न्यायिक हिरासत में था। वह गैंग का करीबी विश्वासपात्र था और व्यापारियों से जबरन वसूली के लिए महत्वपूर्ण जानकारी मुहैया कराता था। साथ ही शूटरों को हथियार पहुंचाने में भी उसकी बड़ी भूमिका थी।

राजधानी दिल्ली में संगठित अपराध और गैंगस्टरों पर लगाम लगाने के लिए क्राइम ब्रांच को विशेष जिम्मेदारी दी गई है। इसी के तहत एडिशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस मंगेश कश्यप की निगरानी में डिप्टी कमिश्नर हर्ष इंदोरा के नेतृत्व वाली एंटी गैंगस्टर स्क्वाड टीम ने यह कार्रवाई की।

टीम ने गैंग के काम करने के तरीके, शूटरों, मददगारों और फाइनेंसरों का गहन अध्ययन किया। इससे पता चला कि मनोज यादव सिंडिकेट का अहम हिस्सा था। वह संभावित लक्ष्यों यानी व्यापारियों की कीमती जानकारी देता था और हथियारों की सप्लाई में मदद करता था। उसे 7 अक्टूबर 2025 को क्राइम ब्रांच पुलिस स्टेशन की प्राथमिकी के तहत गिरफ्तार किया गया था।

कपिल सांगवान उर्फ नंदू का क्राइम सिंडिकेट काफी खतरनाक है। पहले यह गैंग बदला लेने के लिए हत्याएं और हथियारों से लैस डकैती करता था। अब यह संगठित तरीके से जबरन वसूली, टारगेटेड शूटिंग और कॉन्ट्रैक्ट किलिंग तक कर रहा है। यह नेटवर्क पूरे देश में फैला हुआ है और अवैध तरीके से बड़ी संपत्ति जमा कर चुका है। पैसा मुख्य रूप से व्यापारियों, प्रॉपर्टी डीलरों और कारोबारियों से जबरन वसूली से आता है। इसके अलावा जमीन विवादों को जबरदस्ती सुलझाकर भी कमाई होती है। यह पैसा शूटरों, लॉजिस्टिक्स और सुरक्षित ठिकानों पर खर्च किया जाता है।

मनोज यादव उर्फ कैरा शुरू में नजफगढ़ इलाके में अवैध शराब का धंधा करता था। बाद में अपने दुश्मनों को डराने और इलाके में दबदबा बनाने के लिए वह इस गैंग में शामिल हो गया। उसके खिलाफ पहले से हत्या और शराब तस्करी जैसे सात मामले दर्ज हैं। वह कई गंभीर अपराधों में शामिल पाया गया। गुरुग्राम के सेक्टर 10 पुलिस स्टेशन में दर्ज एक मामले में उसने कपिल सांगवान को एक प्लॉट मालिक को धमकी देने की जानकारी दी थी, ताकि प्लॉट खाली कराया जा सके।

दिल्ली के पश्चिम विहार ईस्ट में एक हत्या के मामले में उसने शूटरों को हथियार मुहैया कराए थे। नजफगढ़ में भी एक बिजनेसमैन से जबरन वसूली के लिए जानकारी दी थी। पुलिस ने मनोज के खिलाफ जांच पूरी की और अब कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी है। सिंडिकेट के बाकी सदस्यों को पकड़ने के लिए जांच जारी है।


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