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एडवोकेट विक्रम सिंह को झूठे केस में फंसाने के विरोध में 6 नवंबर को दिल्ली की जिला अदालतें बंद

दिल्ली की सभी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट बार एसोसिएशनों की समन्वय समिति ने एक आपात बैठक आयोजित की

एडवोकेट विक्रम सिंह को झूठे केस में फंसाने के विरोध में 6 नवंबर को दिल्ली की जिला अदालतें बंद
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वकीलों की हड़ताल का ऐलान: विक्रम सिंह के समर्थन में 6 नवंबर को न्यायिक कार्य ठप

  • वकालत की स्वतंत्रता पर हमला, दिल्ली बार एसोसिएशनों ने किया अदालत बहिष्कार का ऐलान
  • गुरुग्राम STF की कार्रवाई के खिलाफ दिल्ली की अदालतों में पूर्ण हड़ताल
  • झूठे केस के विरोध में वकीलों का विरोध प्रदर्शन, 6 नवंबर को नहीं होगा न्यायिक कार्य

नई दिल्ली। दिल्ली की सभी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट बार एसोसिएशनों की समन्वय समिति ने मंगलवार को एक आपात बैठक आयोजित की। इस बैठक में एसटीएफ गुरुग्राम द्वारा एडवोकेट विक्रम सिंह को एक कथित झूठे हत्या के मामले में फंसाने की कार्रवाई की कड़ी निंदा की गई। समिति ने इस कदम को वकालत पेशे की स्वतंत्रता पर सीधा हमला बताया और एकजुट होकर गुरुवार को दिल्ली की सभी जिला अदालतों में पूर्ण हड़ताल का ऐलान किया।

समिति की ओर से जारी सर्कुलर में कहा कि यह मामला गंभीर चिंता का विषय है, क्योंकि एडवोकेट विक्रम सिंह को केवल इसलिए हत्या के मामले में फंसाया गया क्योंकि वे उक्त केस में सह-आरोपी का कानूनी प्रतिनिधित्व कर रहे थे। समिति ने कहा कि यह घटना कानूनी पेशे की स्वतंत्रता और निडर रूप से वकालत करने के अधिकार पर सीधा हमला है। समिति ने कहा कि एसटीएफ गुरुग्राम की यह कार्रवाई न केवल वकीलों को डराने-धमकाने का प्रयास है, बल्कि कानून के शासन को कमजोर करने वाली प्रवृत्ति है, जिससे पूरे वकील समाज का मनोबल प्रभावित होता है।

बैठक में उपस्थित सभी बार एसोसिएशन प्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया कि 6 नवंबर को दिल्ली की सभी जिला अदालतों में कोई वकील न्यायिक कार्य में भाग नहीं लेगा। यह हड़ताल एडवोकेट विक्रम सिंह के समर्थन में और वकील समुदाय की गरिमा, स्वतंत्रता एवं सुरक्षा की रक्षा के लिए आयोजित की जाएगी।

समिति ने राज्य और केंद्र सरकार से एडवोकेट विक्रम सिंह के खिलाफ दर्ज झूठे मामले को तत्काल और बिना शर्त वापस लेने की मांग की है। साथ ही, चेतावनी दी कि यदि भविष्य में किसी भी वकील के साथ ऐसी मनमानी या उत्पीड़न की कार्रवाई की गई, तो समिति कड़ा रुख अपनाएगी और कानूनी पेशे की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगी।

समिति ने सभी बार एसोसिएशनों और वकीलों से अपील की है कि वे 6 नवंबर की हड़ताल में पूर्ण रूप से शामिल हों और उस दिन अदालत का बहिष्कार करें, ताकि इस मनमानी कार्रवाई के खिलाफ एकजुट और शक्तिशाली संदेश दिया जा सके।


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