पुलिस पर अत्याचार का आरोप लगाते हुए कांग्रेस विधायकों का बहिर्गमन
मध्यप्रदेश विधानसभा में आज कांग्रेस विधायकों ने सत्ता पक्ष पर प्रदेश में भय व्याप्त करने का आरोप लगाते हुए ये कह कर बहिर्गमन कर दिया कि विपक्षी जनप्रतिनिधियों को झूठे प्रकरणों में फंसाया जा रहा है

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में आज कांग्रेस विधायकों ने सत्ता पक्ष पर प्रदेश में भय व्याप्त करने का आरोप लगाते हुए ये कह कर बहिर्गमन कर दिया कि विपक्षी जनप्रतिनिधियों को झूठे प्रकरणों में फंसाया जा रहा है।
शून्यकाल के दौरान कांग्रेस के सेमरिया विधायक अभय मिश्रा और जोबट विधायक सेना पटेल ने स्वयं और परिवार के साथ पुलिस का अत्याचार लगाते हुए झूठे प्रकरण बनाने का आरोप लगाया। मिश्रा ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में पूर्व विधायक के समर्थन वाली भारी भीड़ ने पुलिस थाने में घुस कर उपद्रव किया और उन पर ( मिश्रा पर) प्रकरण बनाने का दबाव डलवाया। इसके बाद उन पर प्रकरण दर्ज कर लिया गया।
सेना पटेल ने कहा कि उनके बेटे पुष्पराज पटेल का वाहन टकरा गया था, लेकिन इतनी छोटी सी बात को लेकर उनके बेटे के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज कर लिया गया।
दोनों विधायकों के समर्थन में उतरते हुए नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि राज्य में पुलिस कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों पर झूठे प्रकरण बना रही है। उन्होंने कहा कि विपक्ष विरोधस्वरूप 'लाठी उठाएगा', तो विपक्ष पर शासकीय कार्य में बाधा डालने जैसा प्रकरण बन जाएगा। उन्होंने ऐसे मामलोंं में निष्पक्ष जांच की मांग की।
इस पर अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि ये प्रकरण मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के संज्ञान में हैं और ऐसे में अब इस पर ज्यादा चर्चा की आवश्यकता नहीं है। इस पर सिंघार ने कहा कि पिछले 24 घंटे में भी विपक्ष की इस मांग पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उनके इस वक्तव्य के साथ ही विपक्ष के विधायकों ने नारेबाजी शुरु कर दी और सभी विधायक आसंदी के पास आ गए। कांग्रेस विधायक सरकार से जवाब की मांग कर रहे थे। इसी बीच अध्यक्ष तोमर ने सदन की कार्यवाही आगे बढ़ाने की बात कही, जिस पर कांग्रेस विधायक बहिर्गमन कर गए।


