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दिल्ली में आवारा कुत्तों पर चिंता, विजय गोयल ने उठाया जन-स्वास्थ्य का मुद्दा

कालकाजी पीपल्स फाउंडेशन के तत्वावधान में दक्षिण दिल्ली के लक्ष्मीनारायण मंदिर कालकाजी में आवारा कुत्तों की समस्या को लेकर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया

दिल्ली में आवारा कुत्तों पर चिंता, विजय गोयल ने उठाया जन-स्वास्थ्य का मुद्दा
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दिल्ली में आवारा कुत्तों की समस्या पर विचार गोष्ठी, विजय गोयल ने उठाया जन-स्वास्थ्य का मुद्दा

  • विचार गोष्ठी में मांग: नसबंदी और टीकाकरण अभियान को मिले गति
  • आवारा कुत्तों से जनजीवन प्रभावित, सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर अमल की मांग
  • दिल्ली में डॉग शेल्टर और मुआवजा व्यवस्था की जरूरत पर जोर
  • बच्चों-बुजुर्गों की सुरक्षा खतरे में, आवारा कुत्तों पर ठोस कार्ययोजना की मांग
  • कालकाजी में विचार गोष्ठी, आवारा कुत्तों की समस्या पर जागरूकता का आह्वान

नई दिल्ली। कालकाजी पीपल्स फाउंडेशन के तत्वावधान में रविवार को दक्षिण दिल्ली के लक्ष्मीनारायण मंदिर कालकाजी में आवारा कुत्तों की समस्या को लेकर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।

कालकाजी पीपल्स फाउंडेशन के चीफ कपिल गर्ग और संस्थापक अध्यक्ष कंचन गर्ग ने कार्यक्रम का आयोजन किया और इसकी अध्यक्षता पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने की।

विजय गोयल ने विचार गोष्ठी में दिल्ली में आवारा कुत्तों की समस्या पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि दिल्ली के हर गली-मोहल्ले में आवारा कुत्तों का आतंक आम जनमानस के लिए भय का कारण बना हुआ है। विशेष रूप से बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग इस समस्या से सबसे अधिक प्रभावित हैं। हर साल हजारों लोग कुत्तों के काटने का शिकार होते हैं, जिससे रेबीज जैसी घातक बीमारी का खतरा बढ़ता है। समय पर इलाज न मिलने पर यह जानलेवा साबित हो सकता है। स्कूल जाते बच्चों और साइकिल-स्कूटी चालकों पर भी कुत्तों के हमले की घटनाएं आम हैं।

विजय गोयल ने दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) पर एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालने का आरोप लगाया, जिसके चलते इस समस्या का कोई ठोस समाधान नहीं निकल पा रहा।

उन्होंने बताया कि नसबंदी और टीकाकरण अभियान धीमा और अपर्याप्त है, जबकि डॉग-बाइट की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हवाला देते हुए विजय गोयल ने कहा कि कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है। कोर्ट ने आवारा कुत्तों को मारने के बजाय उनकी नसबंदी और टीकाकरण का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और नगर निगमों को यह निर्देश दिया है कि वे डॉग-बाइट पीड़ितों को मुआवजा दें, जन-जागरूकता अभियान चलाएं, टीकाकरण और नसबंदी की प्रभावी योजना लागू करें। कोर्ट ने यह साफ कह दिया है कि सभी नगर निगम नियमित रिपोर्ट प्रस्तुत करें कि कितने कुत्तों की नसबंदी और वैक्सीनेशन वर्तमान में हुई है।

उन्होंने सुझाव दिया कि नसबंदी और टीकाकरण अभियान को तेज और पारदर्शी बनाया जाए। दिल्ली में पर्याप्त डॉग शेल्टर स्थापित किए जाएं और पीड़ितों को तत्काल मुफ्त इलाज व मुआवजा प्रदान किया जाए। साथ ही, कुत्तों को खुले में खाना खिलाने के बजाय निश्चित स्थान पर भोजन देने की व्यवस्था हो।

विजय गोयल ने दिल्ली सरकार और एमसीडी से सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुरूप तत्काल ठोस कार्ययोजना बनाने की मांग की।


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