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यूडीआईएन रियल टाइम वेरिफिकेशन में सेना की मदद करेगा सीए इंस्टीट्यूट

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया ने भारतीय सेना के साथ एक विशेष समझौता किया है

यूडीआईएन रियल टाइम वेरिफिकेशन में सेना की मदद करेगा सीए इंस्टीट्यूट
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नई दिल्ली। इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया ने भारतीय सेना के साथ एक विशेष समझौता किया है। यह समझौता आर्मी परचेज ऑर्गनाइजेशन डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सप्लाईज एंड ट्रांसपोर्ट के साथ किया गया है। नई दिल्ली में शुक्रवार को हुए इस समझौते का उद्देश्य वेंडर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में यूनीक डॉक्यूमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर (यूडीआईएन) के रियल टाइम सत्यापन को सुनिश्चित करना है।

इसके लिए सीए इंस्टीट्यूट की एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस प्रणाली को आर्मी परचेज ऑर्गनाइजेशन के पोर्टल में एकीकृत किया जाएगा। यूनीक डॉक्यूमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर एक विशेष पहचान संख्या होती है, जिसे इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया ने चार्टर्ड अकाउंटेंट्स द्वारा जारी किए जाने वाले सभी दस्तावेजों के लिए शुरू किया है।

इसका उद्देश्य फर्जी या बिना अनुमति जारी दस्तावेजों को रोकना और दस्तावेजों की प्रमाणिकता सुनिश्चित करना है। सेना के साथ इस तकनीकी एकीकरण से दस्तावेजों की प्रामाणिकता सुनिश्चित होगी, मैन्युअल त्रुटियां घटेंगी और धोखाधड़ी की संभावनाएं कम होंगी। यह पहल डिजिटल एकीकरण, जवाबदेही और दस्तावेज प्रमाणीकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। सीए इंस्टीट्यूट और भारतीय सेना के बीच यह सहयोग शासन, वित्तीय पारदर्शिता और विश्वसनीयता को नई ऊंचाइयों तक ले जाने वाला उदाहरण स्थापित करेगा।

सीए इंस्टीट्यूट के मुताबिक, इस समझौते का उद्देश्‍य चार्टर्ड अकाउंटेंट्स द्वारा प्रमाणित वित्तीय दस्तावेजों की पारदर्शिता, प्रामाणिकता और विश्वसनीयता को मजबूत करना है। इससे भारतीय सेना की खरीद और सत्यापन प्रक्रियाओं में भरोसे और दक्षता को बढ़ावा मिलेगा। शुक्रवार को समझौता हस्ताक्षर समारोह में आईसीएआई के अध्यक्ष सीए चरणजोत सिंह नंदा, उपाध्यक्ष सीए प्रसन्न कुमार डी, और सचिव सीए (डॉ.) जय कुमार बत्रा उपस्थित थे।

इस अवसर पर भारतीय सेना की ओर से लेफ्टिनेंट जनरल मुकेश चड्ढा, डायरेक्टर जनरल ऑफ सप्लाईज़ एंड ट्रांसपोर्ट एवं सीनियर कर्नल कमांडेंट सहित उनकी टीम के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम में यूडीआईएन निदेशालय के संयोजक और सह-संयोजक भी मौजूद रहे।

सीए इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष सीए चरणजोत सिंह नंदा ने कहा, “यूडीआईएन पहल दस्तावेज प्रमाणन में प्रामाणिकता बढ़ाने और कदाचार पर रोक लगाने में एक ऐतिहासिक कदम रही है। भारतीय सेना के साथ यह सहयोग तकनीक-संचालित पारदर्शिता को देश के प्रमुख संस्थानों तक विस्तारित करने का एक और मील का पत्थर है।”

बता दें कि समझौते के माध्यम से भारतीय सेना के डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सप्लाईज एंड ट्रांसपोर्ट ने सीए इंस्टीट्यूट की यूनीक डॉक्यूमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर (यूडीआईएन) प्रणाली को एपीआई के माध्यम से अपने पोर्टल में एकीकृत करने का प्रस्ताव रखा है। यह एकीकरण वेंडर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को सशक्त बनाएगा, जिससे चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा प्रमाणित दस्तावेजों का स्वचालित सत्यापन हो सकेगा।

इससे वेंडर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में यूडीआईएन सत्यापन का रियल-टाइम ऑटोमेशन संभव होगा। वित्तीय दस्तावेजों की प्रामाणिकता और विश्वसनीयता बढ़ाने में मदद मिलेगी। पारदर्शिता, सुशासन और डिजिटल उत्तरदायित्व को सशक्त बनाना भी इसका उद्देश्य है। यह समझौता सीए इंस्टीट्यूट के डिजिटल इंडिया और ई-गवर्नेंस के उद्देश्यों के अनुरूप है, जो संस्थागत दक्षता और सार्वजनिक विश्वास को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


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