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दिल्ली एमसीडी के 12 वार्डों में आज उपचुनाव, 3 दिसंबर को आएंगे नतीजे

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के 12 वार्डों में नए पार्षद चुनने के लिए रविवार को उपचुनाव होंगे

दिल्ली एमसीडी के 12 वार्डों में आज उपचुनाव, 3 दिसंबर को आएंगे नतीजे
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राजधानी में भाजपा-आप-कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला, एमसीडी उपचुनाव पर सबकी नजरें

  • भाजपा का लक्ष्य- 12-0 से जीतकर एमसीडी में पूर्ण बहुमत हासिल करना
  • आप के लिए अहम चुनाव, खोई जमीन वापस पाने की कोशिश
  • कांग्रेस भी मैदान में, दिल्ली की राजनीति में जगह बनाए रखने की चुनौती

नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के 12 वार्डों में नए पार्षद चुनने के लिए रविवार को उपचुनाव होंगे। त्रिकोणीय मुकाबले को राजधानी में भाजपा के नेतृत्‍व वाली रेखा गुप्ता सरकार के कामकाज पर एक तरह से जनमत संग्रह के रूप में देखा जा रहा है।

उपचुनावों के नतीजे 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे।

इससे पहले, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) दोनों ने उपचुनावों के प्रचार किए। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भाजपा की कमान संभाली, जबकि पूर्व सीएम और आप नेता आतिशी ने अपनी पार्टी के प्रचार अभियान का नेतृत्व किया।

दोनों पार्टियों के वरिष्‍ठ नेता शहर भर में घूमे और इस करीबी मुकाबले में समर्थन हासिल करने के लिए अपील की।

इस चुनाव में 12 सीटों के लिए 53 उम्मीदवार मैदान में हैं। जिन 12 खाली वार्ड में उपचुनाव होने हैं, उनमें से नौ पर भाजपा का कब्‍जा है।

पिछले नगर निगम चुनाव दिसंबर 2022 में 250 सीटों पर हुए थे। पार्टी की स्थिति में कई बदलावों के बाद, वर्तमान एमसीडी सदन में भाजपा के 115 पार्षद हैं।

भाजपा रविवार को होने वाले उपचुनावों में 12-0 से जीत हासिल करने का लक्ष्य लेकर चल रही है ताकि 250 सदस्यों वाले नगर निगम सदन में 125 के पूर्ण बहुमत के आंकड़े तक पहुंच सके।

भाजपा के अच्छे प्रदर्शन से मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का कद बढ़ने की उम्‍मीद है और उनकी ई-बस, स्वास्थ्य और बीमा कल्याण योजनाओं और छठ भक्तों के लिए व्यवस्थाओं के लिए एक सकारात्मक सार्वजनिक रिपोर्ट कार्ड पेश करने की उम्मीद है।

यह मुकाबला आप के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि उसके पास अभी 99 पार्षद हैं और वह इस साल फरवरी में विधानसभा चुनावों में भाजपा को सत्ता सौंपने के बाद शहर की राजनीति में खोई हुई जमीन वापस पाना चाहती है।

कांग्रेस भी उपचुनावों में कुछ वार्ड जीतने की पूरी कोशिश कर रही है क्योंकि वह शहर की राजनीति में अपनी जगह बनाए रखना चाहती है, जिस पर अभी भाजपा और आप का दबदबा है।

पिछले 12 महीनों में इन सीटों से पार्षदों के संसद और दिल्ली विधानसभा के लिए चुने जाने के बाद उपचुनाव जरूरी हो गए थे।

सीएम रेखा गुप्ता समेत 11 पार्षद विधानसभा सदस्य (एमएलए) चुने गए थे। द्वारका-बी वार्ड पिछले साल से खाली है, जब भाजपा की कमलजीत सहरावत वेस्ट दिल्ली से सांसद चुनी गई थीं।

खाली वार्डों में मुंडका, शालीमार बाग-बी, अशोक विहार, चांदनी चौक, चांदनी महल, द्वारका-बी, डिचाओं कलां, नारायणा, संगम विहार-ए, दक्षिण पुरी (एससी), ग्रेटर कैलाश और विनोद नगर शामिल हैं।

ये वार्ड मुंडका, वजीरपुर, मटियाला, नजफगढ़, राजेंद्र नगर, देवली और पटपड़गंज जैसे मुख्य विधानसभा क्षेत्रों में आते हैं।


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