बिहार का मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान वोट चोरी की कवायद : सुरजेवाला
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बड़ा बयान दिया है

बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर विवाद
नई दिल्ली। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार का विशेष गहन पुनरीक्षण अब वोट चोरी की कवायद बन गया है। इसके जरिए भारत का चुनाव आयोग और भाजपा गठबंधन मिलकर आम लोगों और मतदाताओं के वोट चुराने की कोशिश कर रहे हैं।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर रहस्य और सवाल
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर कांग्रेस के सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे ने पूरे देश को गहराई से प्रभावित और स्तब्ध कर दिया है। यह रहस्यमय है, और इसके पीछे का असली कारण अज्ञात है।
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर राजद सांसद मनोज कुमार झा ने कहा कि एसआईआर एक अलोकतांत्रिक कदम है और लोकतंत्र में हर एक मतदाता को शामिल करना चुनाव आयोग का उद्देश्य होना चाहिए।
वहीं जदयू सांसद कौशलेंद्र कुमार ने कहा देश को जो नुकसान हो रहा है, वह विपक्ष की वजह से है। सदन की कार्यवाही विपक्ष के हंगामे की वजह से नहीं चल रहा है। सरकार बार-बार कह रही है कि हम सदन में जनता के मुद्दों से जुड़े हुए विषय पर चर्चा करने के लिए तैयार है लेकिन विपक्ष का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है। मैं भी विपक्ष से अपील करता हूं कि वो चर्चा में हिस्सा लें।
अखिलेश यादव ने बिहार एसआईआर को बताया 'भाजपा की धोखाधड़ी की तैयारी'
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने एसआईआर पर कहा कि हम बिहार चुनाव से सिर्फ़ डेढ़ महीने पहले नई मतदाता सूची बनाए जाने के खिलाफ हैं। इसका साफ मतलब है कि भाजपा धोखा देने की तैयारी में है। मेरा मानना है कि इस मामले में निष्पक्षता जरूरी है।
वहीं कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार चुनाव आयोग के ज़रिए बिहार में वोट लूटने की कोशिश कर रही है। यह एक ऐसा मुद्दा है जिसने महाराष्ट्र में उनकी सरकार बनाने में भी अहम भूमिका निभाई।
समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने कहा कि चुनाव आयोग चाहे जो भी कहे, सच्चाई यह है कि स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। बिहार चुनाव के पहले इस तरह का कदम क्यों उठाया गया, यह सवालों के घेरे में है।


