Top
Begin typing your search above and press return to search.

न्यूजीलैंड के साथ एफटीए से भारत का ग्लोबल फुटप्रिंट मजबूत होगा, निर्यात को मिलेगा बढ़ावा: पीएचडीसीसीआई

इंडस्ट्री बॉडी पीएचडीसीसीआई के सीईओ और महासचिव रणजीत मेहता ने कहा कि भारत-न्यूजीलैंड फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) एक अहम कदम है और इससे देश का ग्लोबल फुटप्रिंट मजबूत होगा

न्यूजीलैंड के साथ एफटीए से भारत का ग्लोबल फुटप्रिंट मजबूत होगा, निर्यात को मिलेगा बढ़ावा: पीएचडीसीसीआई
X

नई दिल्ली। इंडस्ट्री बॉडी पीएचडीसीसीआई के सीईओ और महासचिव रणजीत मेहता ने कहा कि भारत-न्यूजीलैंड फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) एक अहम कदम है और इससे देश का ग्लोबल फुटप्रिंट मजबूत होगा।

मेहता ने कहा, "भारत-न्यूजीलैंड फ्री ट्रेंड एग्रीमेंट से देश का ग्लोबल फुटप्रिंट मजबूत होगा। इसके तहत भारत का ज्यादातर निर्यात जीरो ड्यूटी पर होगा। इससे इंजीनियरिंग, टेक्सटाइल, फार्मा और कृषि सेक्टर को फायदा होगा।"

उन्होंने आगे कहा,"भारत में 50 प्रतिशत से ज्यादा आबादी अभी भी कृषि और डेयर पर निर्भर है और काफी सारे किसान के पास जमीन एक हेक्टेयर से कम है। इस वजह सरकार हर एफटीए में यह सुनिश्चित करती है कि किसानों के हित पर कोई असर न हो। इस एफटीए में भी इस बात का ध्यान रखा गया है।"

फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (फियो) ने भारत और न्यूजीलैंड के बीच हुए मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) का स्वागत किया है और इसे भारतीय निर्यातकों के लिए गेम-चेंजर बताया है।

फियो के अध्यक्ष एससी रल्हन ने कहा कि इतने कम समय में यह समझौता होना दिखाता है कि भारत और न्यूजीलैंड दोनों की राजनीतिक इच्छा और आर्थिक सोच मजबूत है। उन्होंने कहा कि यह समझौता दोनों देशों के भविष्य के विकास को ध्यान में रखकर किया गया है।

रल्हन ने कहा कि इस समझौते के तहत भारतीय सामानों को न्यूजीलैंड में बिना टैक्स के बेचने की सुविधा मिलेगी। इससे भारतीय उत्पाद सस्ते और ज्यादा प्रतिस्पर्धी बनेंगे और रोजगार देने वाले उद्योगों को बड़ा फायदा होगा।

इस एफटीए का ऐलान करते हुए केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि किसानों को सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, एफटीए न्यूजीलैंड के बाजारों में भारतीय कृषि उत्पादों के लिए नए अवसर खोलता है, जिनमें फल, सब्जियां, कॉफी, मसाले, अनाज और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ शामिल हैं।

केंद्रीय मंत्री ने विस्तार से बताया कि भारत ने घरेलू संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए कई क्षेत्रों को इस एफटीए से बाहर रखा है,जिनमें डेयरी उत्पाद, चीनी, कॉफी, मसाले, खाद्य तेल, बहुमूल्य धातुएं (सोना और चांदी), बहुमूल्य धातु कबाड़ा, कॉपर कैथोड और रबर आधारित उत्पाद शामिल हैं। जिससे किसानों, लघु एवं मध्यम उद्यमों और घरेलू उद्योगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it