बिहार चुनाव : इंडिया गठबंधन का वोट काटने और एनडीए को जीत दिलाने के लिए 'आप' ने उतारे उम्मीदवार- अलका लांबा
बिहार विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा 11 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा पर अखिल भारतीय महिला कांग्रेस अध्यक्ष अलका लांबा ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि 'आप' ने सभी सीटों पर उम्मीदवार नहीं उतारे हैं। वे सिर्फ इंडिया गठबंधन का वोट काटने और एनडीए को जीत दिलाने के लिए ऐसा किए हैं

बिहार चुनाव में 'आप' की एंट्री पर अलका लांबा का हमला, केजरीवाल को बताया 'गिरगिट'
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा 11 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा पर अखिल भारतीय महिला कांग्रेस अध्यक्ष अलका लांबा ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि 'आप' ने सभी सीटों पर उम्मीदवार नहीं उतारे हैं। वे सिर्फ इंडिया गठबंधन का वोट काटने और एनडीए को जीत दिलाने के लिए ऐसा किए हैं।
अलका लांबा ने आईएएएनएस से कहा, "केजरीवाल गिरगिट की तरह हैं, जो अपने रंग बदलते रहे हैं। उन्होंने अपने आंदोलन को ही खराब कर दिया। उन्होंने स्वराज, जन लोकपाल, भ्रष्टाचार मुक्त सरकार, गाड़ी नहीं लूंगा, बंगला नहीं लूंगा जैसे वादे करके सब बर्बाद कर दिया। अब वे एक्सपोज हो रहे हैं। अपनी ही पार्टी के बनाए संकल्पों पर खरे नहीं उतर पाए। आज केवल कुर्सी, सत्ता और बंगला ही उनकी प्राथमिकता बन गई है। अब क्या वह सड़कों पर आंदोलन करते हुए दिख रहे हैं? 10 साल भी वे सत्ता में टिक नहीं पाए। अब पंजाब से उम्मीदें लेकर आए हैं, अपने लोगों को राज्यसभा भेज रहे हैं, बंगले मांग रहे हैं। ये सब बातें अच्छी हैं क्योंकि अब वह बेनकाब हो रहे हैं।”
बिहार में 11 उम्मीदवारों की घोषणा को लेकर उन्होंने कहा, "बिहार में कुल 243 सीटें हैं, पर उन्होंने केवल 11 पर ही उम्मीदवार उतारे हैं। क्या वे पूरे बिहार में दिख पाएंगे? कांग्रेस या महागठबंधन के लिए वे वोट काटने वाली ताकत जरूर बन सकते हैं, लेकिन उनके 1,000-2,000 वोटों के कारण इंडिया गठबंधन और एनडीए, खासकर भाजपा को फायदा ही होगा।"
सुप्रीम कोर्ट में जूता फेंकने की हुई घटना पर अलका लांबा ने कहा, "यह आरएसएस-भाजपा की मानसिकता है। राहुल गांधी ने भी हमेशा कहा है कि ये लोग दलित विरोधी हैं। वे बर्दाश्त नहीं कर पा रहे कि एक दलित व्यक्ति सर्वोच्च न्यायपालिका के पद पर पहुंचा है।"
उन्होंने रायबरेली के हालिया दलित उत्पीड़न की घटना का जिक्र करते हुए कहा, "रायबरेली में दलितों को बेरहमी से मारा-पीटा गया। जस्टिस गवई पर हमला इसी सोच का हिस्सा है। यह दिखाता है कि संविधान और दलित अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ने वालों के सामने कितने बड़े खतरे हैं।"
अलका लांबा ने कहा, "सरकार बेनकाब हो रही है, लेकिन हमें मजबूती से लड़ना होगा। जस्टिस गवई पर हमला इस बात का सबूत है कि ये लोग बोखला गए हैं।"
उन्होंने कहा कि हमें सतर्क रहना होगा और एकजुट होकर इन खतरों से लड़ना होगा।


