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एनसीआर में हवा ‘जहर’: दिल्ली–नोएडा–गाजियाबाद में एक्यूआई 400 पार

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ने एक बार फिर खतरनाक स्तर पार कर लिया है

एनसीआर में हवा ‘जहर’: दिल्ली–नोएडा–गाजियाबाद में एक्यूआई 400 पार
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लोनी में सबसे खराब हालात, एक्यूआई 403 तक पहुंचा

  • अस्पतालों में बढ़े मरीज, सांस और आंखों की समस्याएं तेज
  • मौसम विभाग ने राहत की उम्मीद नकार दी, स्मॉग और बिगड़ सकता है
  • विशेषज्ञों की चेतावनी: बच्चों, बुजुर्गों और बीमारों के लिए बेहद जोखिमभरा समय

नोएडा। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ने एक बार फिर खतरनाक स्तर पार कर लिया है। दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के लगभग हर मॉनिटरिंग स्टेशन पर एयर क्वालिटी ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की जा रही है।

कई स्थानों पर एक्यूआई 350 से 400 के बीच पहुंच गया है, जबकि कुछ जगहें 400 के भी पार निकल चुकी हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों द्वारा जारी आंकड़े बता रहे हैं कि 1 दिसंबर से 5 दिसंबर तक लगभग हर दिन हवा की गुणवत्ता बेहद खराब से गंभीर श्रेणी में बनी हुई है।

नोएडा के सेक्टर 125, 62 और 116 स्थित स्टेशनों पर एक्यूआई क्रमशः 381, 308 और 369 दर्ज किया गया है। ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क–III और नॉलेज पार्क–V में स्थिति और भी चिंताजनक है, जहां सूचकांक 304 और 358 के आसपास रहा।

गाज़ियाबाद का हाल तो और भी बदतर रहा—लोनी में एक्यूआई 403 तक पहुंच गया, जबकि इंदिरापुरम और संजय नगर में भी सूचकांक 300 के ऊपर दर्ज किया गया। दिल्ली के कई इलाकों—मुनडका, नजफगढ़, नेहरू नगर, ओखला, पंजाबी बाग और पटपड़गंज—में एक्यूआई 340 से 380 तक रिकॉर्ड किया गया है। यह स्तर सीधे तौर पर ‘स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा’ माना जाता है।

उधर, मौसम विभाग के अनुसार आगामी दिनों में प्रदूषण से राहत की कोई उम्मीद नहीं है। तापमान में भी खास बदलाव नहीं होगा और सुबह का कोहरा बना रहेगा। 6 दिसंबर से 11 दिसंबर तक न्यूनतम तापमान 10–12 डिग्री के बीच और अधिकतम तापमान 23–24 डिग्री के आसपास रहने का अनुमान है।

हवा की रफ्तार कम होने और प्रदूषक कणों के ऊपर उठने की क्षमता घटने के कारण स्मॉग की स्थिति और बिगड़ सकती है। प्रदूषण का सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर दिखने लगा है। अस्पतालों में आंखों में जलन, गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ और अस्थमा के बढ़े मामलों की रिपोर्ट की जा रही है।

डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और सांस से जुड़ी बीमारियों वाले लोगों के लिए यह समय बेहद जोखिमभरा है। विशेषज्ञ सलाह दे रहे हैं कि लोग सुबह–शाम बाहर निकलने से बचें। प्रदूषण नियंत्रण एजेंसियों ने निर्माण कार्यों, कचरा जलाने और धूल फैलाने वाली गतिविधियों पर सख्त निगरानी बढ़ा दी है, लेकिन वायु गुणवत्ता में सुधार तभी संभव होगा जब हवा की रफ्तार बढ़े या बारिश जैसी कोई मौसमीय घटना हो। तब तक एनसीआर की हवा ‘जहरीली’ बनी रहने की पूरी संभावना है।


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