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अधीर रंजन चौधरी ने बंगाली प्रवासी मजदूरों के उत्पीड़न को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा

कांग्रेस कार्यसमिति सदस्य और नेता अधीर रंजन चौधरी ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बंगाली प्रवासी मजदूरों के उत्पीड़न को लेकर पत्र लिखा

अधीर रंजन चौधरी ने बंगाली प्रवासी मजदूरों के उत्पीड़न को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा
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नई दिल्ली। कांग्रेस कार्यसमिति सदस्य और नेता अधीर रंजन चौधरी ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बंगाली प्रवासी मजदूरों के उत्पीड़न को लेकर पत्र लिखा।

कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने पत्र लिखकर ओडिशा और महाराष्ट्र में बंगाली भाषी प्रवासी मजदूरों के उत्पीड़न, अपमान और शारीरिक यातना पर गहरी चिंता व्यक्त की है।

अपने पत्र में, चौधरी ने गरीब, मूल भारतीय नागरिकों के साथ हो रहे भयावह व्यवहार पर प्रकाश डाला है, जिन्हें उनकी भाषाई पहचान के कारण गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा है और अक्सर उन्हें बांग्लादेशी नागरिक समझ लिया जाता है। तत्काल हस्तक्षेप का आग्रह करते हुए, उन्होंने प्रधानमंत्री से श्रम एवं रोजगार मंत्रालय और गृह मंत्रालय को इन अंतरराज्यीय प्रवासी मजदूरों के मौलिक अधिकारों और सम्मान की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश देने का आग्रह किया।

उन्होंने पत्र में लिखा, "ओडिशा, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में मजदूरी करने वाले गरीब और निर्दोष बंगाली भाषी लोगों को लक्षित उत्पीड़न, अपमान और यातना से संबंधित तथ्यों को देखते हुए, मैं आपसे इन गरीब और निर्दोष लोगों को उनके द्वारा झेली जा रही पीड़ा से बचाने के लिए हस्तक्षेप करने का आग्रह करता हूं। वास्तविक भारतीय नागरिकों के जीवन और आजीविका के अधिकार की रक्षा की दिशा में एक कदम के रूप में, जो खतरे में है, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप श्रम एवं रोजगार मंत्रालय को पश्चिम बंगाल राज्य के 'अंतर-राज्यीय प्रवासी मजदूरों' के अधिकारों की रक्षा हेतु सकारात्मक कार्रवाई करने हेतु उचित निर्देश जारी करें। साथ ही, गृह मंत्रालय से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा जाए कि निर्दोष लोगों को अनुचित कष्ट न सहना पड़े, जबकि वे वैध भारतीय नागरिक हैं और अपनी आजीविका कमाने के लिए अन्य राज्यों में चले गए हैं।"

अधीर रंजन चौधरी इस गंभीर मुद्दे को पहले से उठा रहे हैं। इससे पहले वो राष्ट्रपति और केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिख चुके हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पश्चिम बंगाल के निर्दोष श्रमिकों के साथ बड़े पैमाने पर हो रहे दुर्व्यवहार को रोकने के लिए निर्णायक कार्रवाई की जानी चाहिए तथा संविधान में निहित मूल्यों को कायम रखना चाहिए।


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