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दोस्त पुतिन को श्रीमद्भगवद्गीता की भेंट, 'द मोदी स्टोरी' ने दिखाई पीएम मोदी के भारतीय साहित्य और अध्यात्म से जुड़ी झलक

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने दो दिवसीय भारत दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भरोसेमंद दोस्त राष्ट्रपति पुतिन का भव्य स्वागत किया

दोस्त पुतिन को श्रीमद्भगवद्गीता की भेंट, द मोदी स्टोरी ने दिखाई पीएम मोदी के भारतीय साहित्य और अध्यात्म से जुड़ी झलक
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नई दिल्ली। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने दो दिवसीय भारत दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भरोसेमंद दोस्त राष्ट्रपति पुतिन का भव्य स्वागत किया और उनको रूसी भाषा में अनुवादित श्रीमद्भगवद्गीता की एक प्रति भेंट की। श्रीमद्भगवद्गीता की शिक्षाएं दुनिया भर के लाखों लोगों को प्रेरणा देती हैं।

प्रधानमंत्री मोदी का राष्ट्रपति पुतिन को श्रीमद्भगवद्गीता भेंट करना, उनके भारतीय साहित्य, अध्यात्म और भाषाओं से लगाव को दर्शाता है। इसको लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर 'द मोदी स्टोरी' पर एक वीडियो शेयर किया गया, जिसमें साहित्य अकादमी के पूर्व सचिव डॉ. के श्रीनिवास राव बता रहे हैं कि कैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय साहित्य और संस्कृति को वैश्विक संवाद में लाते हैं।

श्रीनिवास राव ने बताया कि 2019 में एससीओ देशों की भाषाओं में भारतीय साहित्य के अनुवाद की घोषणा से लेकर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को उनकी भारत यात्रा के दौरान रूसी भाषा में श्रीमद्भगवद्गीता भेंट करने तक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार भारत के ज्ञान को सीमाओं से परे पहुंचाया है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के इस कदम ने भारत की साहित्यिक और आध्यात्मिक विरासत को वैश्विक संवाद में लाकर दिखाया है कि साहित्य और आध्यात्मिक ग्रंथ उनके कूटनीतिक जुड़ाव का कितना महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।

उन्होंने कहा कि जब 2019 में किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में एससीओ शिखर सम्मेलन हुआ था, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दस आधुनिक भारतीय साहित्यिक कृतियों का एससीओ देशों की भाषाओं में अनुवाद करने का विचार रखा था ताकि इन देशों के पाठक सीधे भारतीय लेखन तक पहुंच सकें। बाद में, मंत्रालयों और भारतीय दूतावासों ने इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए भाषाई और संपादकीय विशेषज्ञों के साथ मिलकर, विशेष रूप से रूसी, चीनी और अंग्रेजी में, अनुवादों का समन्वय किया।

उन्होंने कहा कि एससीओ देशों के लिए अनुवादित पुस्तकें और राष्ट्रपति पुतिन को भेंट की गई श्रीमद्भगवद्गीता का रूसी अनुवाद, दोनों मिलकर इस बात पर प्रकाश डालते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किस प्रकार से भारतीय साहित्य और संस्कृति को वैश्विक संवाद में लाते हैं। चाहे आधुनिक रचनाओं के माध्यम से हो या शाश्वत आध्यात्मिक ग्रंथों के माध्यम से, वे यह सुनिश्चित करते हैं कि भारत की कहानियां, विचार और ज्ञान सीमाओं से परे पहुंचें और शब्दों की शक्ति के माध्यम से राष्ट्रों को जोड़ें।


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