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अमेरिका के साथ 7,995 करोड़ रुपए का समझौता, नौसेना के हेलीकॉप्टर को मिलेगी शक्ति

भारत और अमेरिका के बीच एक महत्वपूर्ण रक्षा समझौता हुआ है। 7,995 करोड़ रुपए का यह रक्षा समझौता भारतीय नौसेना के एमएच-60आर हेलीकॉप्टरों के रखरखाव के लिए है

अमेरिका के साथ 7,995 करोड़ रुपए का समझौता, नौसेना के हेलीकॉप्टर को मिलेगी शक्ति
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नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण रक्षा समझौता हुआ है। 7,995 करोड़ रुपए का यह रक्षा समझौता भारतीय नौसेना के एमएच-60आर हेलीकॉप्टरों के रखरखाव के लिए है। भारतीय रक्षा मंत्रालय ने अमेरिकी सरकार के साथ 7,995 करोड़ रुपए मूल्य के दो ‘लेटर्स ऑफ ऑफर एंड एक्सेप्टेंस’ पर हस्ताक्षर किए हैं।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, यह समझौता भारतीय नौसेना के एमएच-60आर मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर बेड़े को फॉलो-ऑन सपोर्ट और फॉलो-ऑन सप्लाई सपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए है। नई दिल्ली में शुक्रवार को रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की उपस्थिति में समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह अनुबंध अमेरिका के फॉरेन मिलिटरी सेल्स कार्यक्रम के तहत निष्पादित हुआ।

रक्षा मंत्रालय ने बताया कि यह सस्टेनमेंट सपोर्ट पैकेज नौसेना के एमएच-60आर हेलीकॉप्टरों के लिए व्यापक रखरखाव और समर्थन प्रणाली प्रदान करेगा। इसमें हेलीकॉप्टर के स्पेयर्स और सपोर्ट उपकरणों की आपूर्ति, प्रोडक्शन सपोर्ट व प्रशिक्षण एवं तकनीकी सहायता प्रदान करना शामिल है। इसके अलावा आवश्यक पुर्जों की मरम्मत और पुन आपूर्ति भी इस समझौते का हिस्सा है। समझौते के तहत भारत में इंटरमीडिएट लेवल रिपेयर सुविधाओं और पीरियॉडिक मेंटेनेंस इंस्पेक्शन सुविधाओं की स्थापना की जाएगी।

रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इन सुविधाओं का देश में विकास लंबी अवधि में आत्मनिर्भरता को बढ़ाएगा। इसके साथ ही यह कई आवश्यक वस्तुओं के लिए अमेरिकी सरकार पर निर्भरता कम करेगा। इससे एमएसएमई और भारतीय कंपनियों को भी रक्षा उत्पादों और सेवाओं के क्षेत्र में नए अवसर मिलेंगे। एमएच-60आर हेलीकॉप्टरों की क्षमता में बड़ा इजाफा होने की उम्मीद है। यह तकनीक व सपोर्ट सिस्टम भारतीय नौसेना के अत्याधुनिक व हर मौसम में सक्षम एमएच-60आर हेलीकॉप्टरों की ऑपरेशनल उपलब्धता को मजबूती प्रदान करेगा। साथ ही इससे मेंटेनबिलिटी और विश्वसनीयता को भी उल्लेखनीय रूप से बढ़ावा मिलेगा।

बता दें कि भारतीय नौसेना का एमएच-60आर हेलीकॉप्टर उन्नत एंटी-सबमरीन वॉरफेयर क्षमता से लैस है। ये हेलीकॉप्टर अमेरिका से प्राप्त प्रमुख समुद्री परिचालन संपत्तियों में शामिल हैं। दोनों देशों के बीच हुए इस समझौते से इन हेलीकॉप्टरों की विस्तृत तैनाती क्षमता भी मजबूत होगी। इस स्पोर्ट पैकेज के बाद हेलीकॉप्टरों का संचालन विभिन्न तटीय ठिकानों से हो सकेगा। वहीं, युद्धपोतों से भी एमएच-60आर हेलीकॉप्टर का संचालन अधिक सुगमता से किया जा सकेगा। यह सुनिश्चित करेगा कि नौसेना अपने प्राथमिक और द्वितीयक मिशनों के दौरान इन हेलीकॉप्टरों से अधिकतम प्रदर्शन प्राप्त कर सके।

रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, यह समझौता नौसेना की परिचालन क्षमता को दीर्घकालिक मजबूती प्रदान करेगा। साथ ही यह भारत के आत्मनिर्भर व मजबूत समुद्री रक्षा ढांचे की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है।


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