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दिल्ली में 50 नई इलेक्ट्रिक बसें शुरू, सीएम रेखा गुप्ता ने स्वचालित वाहन परीक्षण स्टेशन की आधारशिला रखी

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली परिवहन निगम की 50 नई इलेक्ट्रिक बसें जनता को समर्पित कीं

दिल्ली में 50 नई इलेक्ट्रिक बसें शुरू, सीएम रेखा गुप्ता ने स्वचालित वाहन परीक्षण स्टेशन की आधारशिला रखी
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सीएम रेखा गुप्ता ने इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाई, तेहखंड में स्वचालित परीक्षण केंद्र का उद्घाटन

  • दिल्ली में परिवहन सुधार की नई पहल, इलेक्ट्रिक बसें और आधुनिक परीक्षण स्टेशन जनता को समर्पित
  • प्रदूषण नियंत्रण और सुगम परिवहन की दिशा में बड़ा कदम, इलेक्ट्रिक बसें और डिजिटल एटीएस लॉन्च

नई दिल्ली। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को दिल्ली परिवहन निगम की 50 नई इलेक्ट्रिक बसें जनता को समर्पित कीं। अधिकारियों के मुताबिक, सभी बसें सीसीटीवी कैमरे, पैनिक बटन, जीपीएस और सुगम्यता-अनुकूल बुनियादी ढांचे से सुसज्जित हैं।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्‍ता ने दक्षिण दिल्ली स्थित डीटीसी तेहखंड डिपो में एक स्वचालित परीक्षण केंद्र (एटीएस) की आधारशिला भी रखी। यह कार्यक्रम दिल्‍ली में एक स्वच्छ, हरित और अधिक पारदर्शी परिवहन प्रणाली बनाने के सरकार के प्रयासों में मील का पत्थर साबित हुआ।

सीएम रेखा गुप्‍ता ने कहा कि मात्र 8 महीने में दिल्ली सरकार ने परिवहन क्षेत्र में असाधारण प्रगति की है। उन्होंने वाहन फिटनेस परीक्षण को आधुनिक, पारदर्शी और पूरी तरह से डिजिटल बनाने के लिए किए गए ऐतिहासिक उपायों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ये कदम आने वाले वर्षों में दिल्ली की पर्यावरणीय गुणवत्ता और परिवहन दक्षता में उल्लेखनीय वृद्धि करेंगे।

उन्होंने कहा कि यह प्रमुख पहल शहर में प्रदूषण कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली में प्रदूषण के सबसे बड़े कारणों में कमर्शियल वाहन भी शामिल हैं और प्रभावी प्रदूषण नियंत्रण के लिए मजबूत, तकनीक-आधारित उत्सर्जन परीक्षण आवश्यक है।

इस कार्यक्रम में परिवहन मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह, सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी, पार्षद सुगंधा बिधूड़ी, परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

सीएम रेखा गुप्‍ता ने कहा कि वाहनों से होने वाला उत्सर्जन दिल्ली के वायु प्रदूषण में सबसे महत्वपूर्ण योगदानकर्ताओं में से एक है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में लगभग 6.5 लाख कमर्शियल वाहन हैं, जिनके लिए वार्षिक फिटनेस प्रमाणपत्र की आवश्यकता होती है। फिर भी इस प्रणाली की दशकों से उपेक्षा की गई है।

उन्होंने बताया कि पहले राजधानी में झुंडपुरा में केवल एक केंद्र था, जिसकी परीक्षण क्षमता केवल 47,000 वाहनों की थी। इससे लाखों वाहन मालिकों को फिटनेस परीक्षण के लिए एनसीआर के शहरों में जाना पड़ता था। पिछली सरकारों ने दिल्ली की परिवहन व्यवस्था को बुरी तरह से अव्यवस्थित कर दिया था।

उन्होंने बताया कि नंद नगरी में दिल्ली का पहला स्वचालित परीक्षण केंद्र तेजी से पूरा होने वाला है और इसकी वार्षिक क्षमता लगभग 72,000 वाहनों की होगी। पूरी तरह से डिजिटल और मानवीय हस्तक्षेप से मुक्त, यह केंद्र एक पारदर्शी, विश्वसनीय और समय-कुशल फिटनेस प्रमाणन प्रक्रिया सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि इससे लाखों वाहन मालिकों को राहत मिलेगी और शहर के प्रदूषण नियंत्रण प्रयासों में सार्थक योगदान मिलेगा।

उन्होंने घोषणा की कि शुक्रवार को तेहखंड में 73,000 वाहनों की वार्षिक क्षमता वाले दिल्ली के दूसरे पूर्ण स्वचालित स्टेशन का उद्घाटन किया गया। इसके साथ ही, शहर की कुल फिटनेस परीक्षण क्षमता लगभग दोगुनी हो गई है।

वहीं, बुराड़ी और झुंडपुरा स्थित मौजूदा केंद्रों को अत्याधुनिक तकनीक और आधुनिक मानकों के साथ उन्नत किया जा रहा है। इस उन्नयन के बाद, दिल्ली हर साल एक लाख से ज्यादा वाहनों का पूरी तरह से स्वचालित फिटनेस परीक्षण कर सकेगी।

परिवहन मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह ने बताया कि तेहखंड एटीएस का निर्माण 10 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है। यह ब्रेक, सस्पेंशन, अंडरबॉडी कंपोनेंट्स, हेडलाइट्स, एक्सल और उत्सर्जन की पूरी तरह से डिजिटल, स्वचालित जांच करेगा और इससे लगभग 3 करोड़ रुपए का वार्षिक राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है।


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