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केजरीवाल को असफल मुख्यमंत्री के तौर पर याद करेगी दिल्ली: कपिल मिश्रा

भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने रविवार को अरविंद केजरीवाल सरकार के दस सालों का रिपोर्ट कार्ड जारी करते हुए कटाक्ष किया है। कपिल मिश्रा का कहना है कि दिल्ली केजरीवाल को एक भ्रष्ट और असफल मुख्यमंत्री के तौर पर याद करेगी

केजरीवाल को असफल मुख्यमंत्री के तौर पर याद करेगी दिल्ली: कपिल मिश्रा
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नई दिल्ली। भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने रविवार को अरविंद केजरीवाल सरकार के दस सालों का रिपोर्ट कार्ड जारी करते हुए कटाक्ष किया है। कपिल मिश्रा का कहना है कि दिल्ली केजरीवाल को एक भ्रष्ट और असफल मुख्यमंत्री के तौर पर याद करेगी।

कपिल मिश्रा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल का दस साल का कार्यकाल पूरा हो गया है। उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा भी दे दिया है। अब वह दिल्ली के मुख्यमंत्री नहीं है। उन्होंने 10 साल पहले जो वादे किए थे, उन वादों का आज नतीजा क्या है, उनकी आज स्थिति क्या है। 70 में से एक भी वादा पूरा नहीं हुआ। 10 साल दिल्ली बेहाल यह उसकी सच्चाई है। चाहें उनका जन लोकपाल का वादा हो, स्वराज का वादा हो, 500 स्कूल खोलने का वादा हो, 20 कॉलेज खोलने का वादा हो, यमुना की सफाई का वादा हो, साफ पर्यावरण का वादा हो, आठ लाख नौकरियों का वादा हो, कर्मचारियों को स्थाई करने का वादा हो, ऐसा कोई भी वादा पिछले दस साल में वो पूरा नहीं किया गया है। दिल्ली उनको एक भ्रष्ट और असफल मुख्यमंत्री के तौर पर याद करेगी।

भाजपा नेता ने आगे कहा कि हमने रिपोर्ट कार्ड तैयार किया है। उसे हम दिल्ली की हर एक विधानसभा में लेकर जाएंगे। दिल्ली की सड़कों की बहुत खराब स्थिति है। एक एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट के हिसाब से देश के सभी महानगरों में सबसे खराब सड़कें दिल्ली में हैं। दिल्ली में नालों और सीवर की समस्या विकराल है। इस तरह की स्थिति बहुत पिछड़े इलाकों में भी नहीं होती जो दिल्ली के पॉश इलाकों में है। पिछले कुछ सालों में सरकार पूरी तरह ठप है और केवल नौटंकी कर रही है।

सरकार में काम कुछ नहीं हो रहा है। यह समझते हुए केजरीवाल कुर्सी छोड़कर भाग गए हैं। सभी समस्याओं का ठीकरा नए मुख्यमंत्री के ऊपर फोड़ दिया जाएगा। आतिशी को सीएम बनाकर विक्टिम कार्ड खेला गया है। उन्होंने एक नौटंकी की है, लेकिन यह उनकी मजबूरी भी थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद वह एक मुख्यमंत्री के तौर पर नहीं रह सकते थे।

उन्होंने आगे कहा कि यदि उनमें जनता के बीच में जाने की हिम्मत होती तो वह विधानसभा को भंग करके चुनावी मैदान में आते। केजरीवाल को बताना चाहिए कि उन्होंने दस सालों में जनता के लिए क्या किया है। अगले साल जब फरवरी में दिल्ली में चुनाव होंगे, तो दिल्ली की जनता इस बार उनकी नौटंकी के खिलाफ जनादेश देगी।


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