Top
Begin typing your search above and press return to search.

दिल्ली हिंसा : हालात बेकाबू, यमुनापार के तीनों जिलों में हाई-अलर्ट

राष्ट्रीय राजधानी के उत्तरी-पूर्वी जिले में रविवार-सोमवार से ही बेकाबू हुए जा रहे हालात के मद्देनजर तीन जिलों में हाई-अलर्ट जारी कर दिया गया है।

दिल्ली हिंसा : हालात बेकाबू, यमुनापार के तीनों जिलों में हाई-अलर्ट
X

नई दिल्ली | राष्ट्रीय राजधानी के उत्तरी-पूर्वी जिले में रविवार-सोमवार से ही बेकाबू हुए जा रहे हालात के मद्देनजर तीन जिलों में हाई-अलर्ट जारी कर दिया गया है। जिन जिलों में हाई-अलर्ट जारी किया गया है उनमें यमुनापार के तीन जिले उत्तर-पूर्वी (जहां से हिंसा शुरू हुई, पूर्वी और शाहदरा जिला) शामिल हैं।

हाई-अलर्ट मंगलवार को दोपहर बाद बिगड़े हालात के बाद जारी किया गया है। दिल्ली पुलिस मुख्यालय में विशेष आयुक्त स्तर के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, "उत्तर पूर्वी जिले में हालात काबू करने के लिए सोमवार को धारा 144 लागू की गई थी। उम्मीद थी कि धारा 144 के डर से उपद्रवी सड़कों पर निकल हिंसा नहीं फैलाएंगे। मगर मंगलवार दोपहर तक धारा 144 भी निष्प्रभावी साबित हो गई। लिहाजा, हिंसाग्रस्त उत्तर पूर्वी जिले सहित पड़ोस के जिले पूर्वी दिल्ली और शाहदरा जिले में भी सुरक्षा के एहतियाती इंतजाम किए गए। तीनों जिलों में हाई-अलर्ट घोषित कर दिया गया है।"

मौजपुर और फिर ब्रहमपुरी इलाके में मंगलवार सुबह करीब 10 बजे से बलवाइयों से जूझ रहे एक डीसीपी के मुताबिक, "फोर्स पर्याप्त है। इसके बाद भी हाई-अलर्ट लगाने से यह फायदा रहा कि थानों में मौजूद पुलिस फोर्स भी सड़क पर उतर गई है। कुछ मदद तो मिल रही है, मगर हमारी तुलना में भीड़ ज्यादा है। हालांकि, हमारी मदद के लिए अर्धसैनिक बल भी है, लेकिन हम सिर्फ भीड़ को काबू करने के उपायों पर ही अमल कर पा रहे हैं। जबकि भीड़ हमें टारगेट करके हमले कर रही है। भीड़ के जब दो पक्ष आमने-सामने आ जा रहे हैं तो पुलिस और अर्धसैनिक बलों को बीच में आना पड़ रहा है। भीड़ के बीच में आ जाने से ही पुलिस और सुरक्षा बलों की स्थिति खराब हो जाती है।"

उत्तरी-पूर्वी दिल्ली, शाहदरा और पूर्वी जिला पुलिस लाइंस के सूत्रों ने आईएएनएस को मंगलवार को दोपहर बाद करीब साढ़े तीन बजे बताया, "तीनों ही पुलिस लाइन में मौजूद रिजर्व फोर्स को भी मौके पर रवाना किया जा चुका है। तीनों ही पुलिस लाइन में कहीं हमलावर भीड़ न घुस आए, इसलिए एहतियातन 50-50 हथियारबंद सुरक्षाकर्मी यहां बाकी रखे गए हैं।"

जहां तक थानों की स्थिति है तो शाहदरा और उत्तर पूर्वी दिल्ली के थानें में ड्यूटी अफसर, वायरलेस ऑपरेटर और एक अदद संतरी के अलावा कोई पुलिसकर्मी नहीं है। सब के सब हिंसाग्रस्त इलाकों में मय हथियार तैनात कर दिए गए हैं। सड़क पर भीड़ से मोर्चा लेने के लिए भेजे गए पुलिस स्टाफ में काफी स्टाफ मिनिस्टीरियल स्टाफ भी है, जो अमूमन थानों में लिखा-पढ़ी का ही कामकाज देखता है।

उत्तर पूर्वी दिल्ली के कबीर नगर इलाके में मौजूद एक मशहूर छोटी पुलिया को आग के हवाले कर दिया गया। यहां भीड़ के दो गुटों ने आमने-सामने आकर खुलेआम एक दूसरे पर गोलियां चलाईं। भीड़ द्वारा की गई आगजनी और पथराव में कई दुकानों, घरों को भी खासा नुकसान हुआ है। यहां मौजूद दो अस्पताल और एक दवाई की दुकान भी हिंसा की भेंट चढ़ी बताई जाती है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it