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दिल्ली हिंसा : झुलसे जाफराबाद में कभी भी लग सकता है कर्फ्यू

केंद्र सरकार के प्रति जवाबदेह दिल्ली पुलिस अपनी नाकामी के बाद खुद की खाल बचाने के लिए उत्तरी-पूर्वी जिले में कभी भी कर्फ्यू लगा सकती

दिल्ली हिंसा : झुलसे जाफराबाद में कभी भी लग सकता है कर्फ्यू
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार के प्रति जवाबदेह दिल्ली पुलिस अपनी नाकामी के बाद खुद की खाल बचाने के लिए उत्तरी-पूर्वी जिले में कभी भी कर्फ्यू लगा सकती है। दिल्ली पुलिस मुख्यालय के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने इसकी पुष्टि की है।

कर्फ्यू लगाने की प्रमुख वजह होगी दिल्ली पुलिस की खुद की नाकामियों को छिपाना। कर्फ्यू कब से लगाया जाए? कितने घंटों का लगाया जाए? उत्तरी-पूर्वी जिलेभर में लगाया जाए या सिर्फ हिंसा प्रभावित इलाकों में? इन सवालों के जवाब पाने के लिए दिल्ली पुलिस के नए मुख्यालय और दिल्ली के उप-राज्यपाल कार्यालय में अपने-अपने स्तर पर मंथन चल रहा है।

आईएएनएस को यह महत्वपूर्ण जानकारी मंगलवार शाम दिल्ली पुलिस के अपुष्ट सूत्रों ने दी। इन्हीं में से एक सूत्र के मुताबिक, हिंसाग्रस्त इलाके में करीब 35 कंपनी सुरक्षा और पुलिस बल तैनात किए जाने के बाद भी हालात काबू में नहीं आ रहे हैं। हिंसा में दिल्ली पुलिस के हवलदार रतन लाल सहित मरने वालों को संख्या मंगलवार शाम पांच बजे तक 9 हो चुकी है।

भीड़ पुलिस और सुरक्षा बलों की मौजूदगी के बावजदू अंधाधुंध पथराव करने और गोलियां चलाने से बाज नहीं आ रही है। कहने को मौके पर दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त सतीश गोलचा, संयुक्त पुलिस आयुक्त आलोक कुमार खुद ही मोर्चा संभाले हुए हैं। जिला डीसीपी वेद प्रकाश सूर्य खुद कई जिलों से बुलाए गए अतिरिक्त फोर्स को लीड कर रहे हैं। इसके बाद भी जाफराबाद, कबीर नगर, कर्दमपुरी, मौजपुर, सीमापुरी सीमा, गगन सिनेमा, चांद बाग आदि इलाके आगजनी पथराव 24 घंटे बाद भी बदस्तूर जारी है।

कहने को केंद्रीय हुकूमत के इशारे पर दिल्ली पुलिस ने मंगलवार दोपहर से ही पैरा-मिल्रिटी फोर्स और दिल्ली पुलिस के कई जिलों का अतिरिक्त फोर्स, तमाम अनुभवी वरिष्ठ आईपीएस प्रभावित इलाकों में तैनात कर दिए। इसके बाद भी हालात सुधरने के बजाय बिगड़ते ही चले गए। आईएएनएस की टीम ने घटनास्थल पर जो कुछ मंगलवार को दिन के वक्त देखा, वो सब भयावह और रोंगटे खड़े कर देने वाला था।

उत्तरी-पूर्वी जिले की हर गली-मोहल्ले में पुलिस और सुरक्षा बलों पर मंगलवार को उपद्रवियों की भीड़ भारी पड़ती रही। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने की तमाम नाकाम कोशिशें कीं। इसके बाद भी भीड़ हमला करके जान-माल का नुकसान करने में कामयाब रही। इन्हीं तमाम हालात के चलते केंद्र सरकार, दिल्ली के उप-राज्यपाल और दिल्ली पुलिस कमिश्नर इस मत पर सहमति बनाने में जुटे हैं कि क्या, बदतर मौजूदा हालात को काबू में करने के लिए 'कर्फ्यू' बेहतर रहेगा? कर्फ्यू के संभावित सकारात्मक और नकारात्मक परिणामों पर भी विचार किया जा रहा है।

कर्फ्यू लगाए जाने की संभावनाओं के बाबत पूछे जाने के लिए आईएएनएस ने मंगलवार को कई बार दिल्ली पुलिस के संबंधित उच्चाधिकारियों से संपर्क की कोशिश की, मगर उधर से कोई जबाब नहीं आया।


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