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दिल्ली हिंसा मामला : अदालत ने आरोप पत्र पर लिया संज्ञान

दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को पूर्वोत्तर दिल्ली में हिंसा के सिलसिले में कड़े गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत 15 लोगों के खिलाफ दायर आरोप पत्र (चार्जशीट) का संज्ञान लिया

दिल्ली हिंसा मामला : अदालत ने आरोप पत्र पर लिया संज्ञान
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नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को पूर्वोत्तर दिल्ली में हिंसा के सिलसिले में कड़े गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत 15 लोगों के खिलाफ दायर आरोप पत्र (चार्जशीट) का संज्ञान लिया। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बुधवार को आरोपियों के खिलाफ यूएपीए, भारतीय दंड संहिता, शस्त्र अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत एक चार्जशीट दायर की थी।

सभी आरोपियों को गुरुवार को कड़कड़डूमा अदालत में पेश किया गया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने केवल कुछ वर्गों को छोड़कर, जिनके लिए मंजूरी की आवश्यकता है, सभी अपराधों का संज्ञान लिया।

न्यायाधीश ने कहा, "मैंने आरोप पत्र में उल्लिखित अपराधों का संज्ञान लिया है, कुछ अपराधों को छोड़कर, जिनके लिए धारा 196 सीआरपीसी के तहत अभी भी मंजूरी का इंतजार है।"

चार्जशीट में आम आदमी पार्टी से निलंबित ताहिर हुसैन, पिंजरा तोड़ कार्यकर्ता देवांगना कालिता और नताशा नरवाल, पीएफआई नेता परवेज अहमद और मोहम्मद इलियास के नाम शामिल हैं। इसके अलावा आरोपपत्र में एक्टिविस्ट सैफी खालिद, पूर्व-पार्षद इशरत जहां, जामिया के छात्र आसिफ इकबाल, मीरान हैदर और सफूरा जरगर, शादाब अहमद और तसलीम अहमद के नाम शामिल हैं।

हालांकि आरोपपत्र में दिल्ली हिंसा के मामले में दायर की गई चार्जशीट में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद और शरजील इमाम के नाम नहीं है। उन्हें सांप्रदायिक हिंसा में साजिश करने के लिए कुछ दिन पहले ही गिरफ्तार किया गया है। उनका नाम पूरक (सप्लीमेंट्री) चार्जशीट में होगा।

चार्जशीट में पुलिस ने कॉल डेटा रिकॉर्ड और अभियुक्तों के व्हाट्सएप चैट पर भरोसा किया है। पुलिस ने अन्य तकनीकी सबूत जुटाने के साथ ही 747 गवाहों से पूछताछ की है।

पुलिस ने चार्जशीट में सबूत के तौर पर 24 फरवरी के व्हाट्सएप चैट का जिक्र किया है। पुलिस ने कहा, यह वो समय था, जब दंगे हो रहे थे। उस समय प्रमुख साजिशकर्ता अपने कार्यकर्ताओं को इलाके में हिंसा के लिए गाइड कर रहे थे। वे सीधे जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के संपर्क में थे।

पुलिस ने कहा कि साजिशकर्ताओं ने सीलमपुर और जाफराबाद इलाके में हिंसा के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप का इस्तेमाल किया, जो अब बंद हो गया है। प्रत्येक साइट के लिए पच्चीस व्हाट्सएप समूह विशेष रूप से बनाए गए थे।

नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) के समर्थकों और इसका विरोध कर रहे लोगों के बीच 24 फरवरी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में झड़प हो गई थी, जो कि हिंसा में बदल गई। इस दौरान कम से कम 53 लोग मारे गए थे और लगभग 200 लोग घायल हुए थे।

मामले में रविवार को उमर खालिद को गिरफ्तार किया गया था। वह फिलहाल 24 सितंबर तक पुलिस हिरासत में है।

अदालत ने नताशा नरवाल को दिल्ली दंगों से जुड़े एक अन्य मामले में जमानत दे दी है।

पुलिस ने यह भी निष्कर्ष निकाला कि दंगों और विरोध प्रदर्शनों को पीएफआई सहित कई समूहों द्वारा वित्त पोषित किया गया था।


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