दिल्ली दंगा : अदालत ने देशद्रोह के अपराधों का लिया संज्ञान
दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली दंगों के साजिश रचने के मामले में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर समेत 18 आरोपियों के खिलाफ दर्ज आरोपपत्र में देशद्रोह, सामुदायिक वैमनस्य फैलाने जैसे अपराधों का संज्ञान लिया

नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को दिल्ली दंगों के साजिश रचने के मामले में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद समेत 18 आरोपियों के खिलाफ दर्ज आरोपपत्र में देशद्रोह, सामुदायिक वैमनस्य फैलाने जैसे अपराधों का संज्ञान लिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने धारा 124ए (देशद्रोह), 153ए (धर्म, जाति के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 109 (अपमान), भारतीय दंड संहिता की 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत अपराधों का संज्ञान लिया।
न्यायाधीश ने कहा कि यह अनुचित है कि संज्ञान लेने से पहले आरोपपत्र की सटीक सामग्री की मीडिया में रिपोर्ट की जाती है।
कार्यवाही के दौरान मीडिया ट्रायल का एक सवाल उठाया गया था। खालिद ने अदालत को बताया कि कुछ मीडिया हाउस उसके और अन्य आरोपियों के खिलाफ 'मीडिया ट्रायल' में लिप्त थे।
इस पर न्यायाधीश ने कहा कि मीडिया स्टोरीज को कवर करने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन उन्हें अपने दृष्टिकोण के प्रति सजग और उद्देश्य के प्रति सचेत रहना चाहिए। यह किसी भी अपराध के आरोपी प्रत्येक व्यक्ति का मौलिक अधिकार है कि उसे खुद को बचाव का अवसर प्रदान किया जाए।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने कहा कि एक अभियुक्त और दोषी के बीच बहुत बड़ा अंतर है..रिपोर्टिग करते समय कम से कम, हमेशा एक डिस्क्लेमर होना चाहिए, चाहे वह पुलिस या अभियोजन का वर्जन हो या अभियुक्त का। संज्ञान लेने से पहले आरोपपत्र की सटीक सामग्री की रिपोर्टिग भी एक परेशान करने वाली प्रवृत्ति है।
जज का कहना है कि चार्जशीट के बारे में आमतौर पर रिपोर्ट करना एक बात है, लेकिन इसे फिर से अक्षरश: प्रस्तुत करना और बात है। इससे जाहिर है कि लीक का सवाल तो उठेगा ही।
दिल्ली दंगा मामले में खालिद के अलावा शरजील इमाम, ताहिर हुसैन, सफूरा जरगर, नताशा नरवाल, देवांगना कलिता, खालिद सैफी, इशरत जहां अन्य आरोपी हैं।
अन्य लोगों में मीरान हैदर, गुलफिशा, शफा-उर-रहमान, आसिफ इकबाल, शादाब अहमद, तसलीम अहमद, सलीम मलिक, सलीम खान, अतहर खान और फैजान खान शामिल हैं।


