रोजाना ट्रैफिक की समस्या से जूझ रहे हैं दिल्लीवासी
राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर रोजाना लगने वाला ट्रैफिक जाम लोगों का सबसे बड़ा दर्द बन गया है
नई दिल्ली । राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर रोजाना लगने वाला ट्रैफिक जाम लोगों का सबसे बड़ा दर्द बन गया है। खासकर शाम का वक्त दिल्लीवासियों के लिए सबसे दुखदाई होता है, जब दिल्लीवाले सारे काम निपटाकर अपने घर की ओर रवाना होते हैं। तब आलम यह होता है कि आधे घंटा का सफर दो से ढाई घंटे में तब्दील हो जाता है। हालांकि इस स्थिति के कई बड़े कारण हैं लेकिन एक कारण दिल्ली की सड़कों पर दौड़ती गाडियों की संख्या में रोजाना हो रही बढ़ोत्तरी भी है।
तो दूसरा ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के ड्यूटी से नदारद दिखने जैसी समस्या भी है। इन शिकायतों का सिलसिला आम होने के चलते जब कई बार ट्रैफिक पुलिसकर्मी सड़क पर मौजूद नहीं होते हैं और जाम के हालात बन जाते हैं, तब आम लोग ही ट्रैफिक व्यवस्था संभालने में जुट जाते हैं। पूर्वी दिल्ली में शास्त्री पार्क मेट्रो स्टेशन रोड से सीलमपुर, विकास मार्ग और संजय झील इलाके में तो यह रोज का किस्सा बन गया है। यहां शाम के समय स्थानीय लोग ही ट्रैफिक संभालते नजर आते हैं। हालात ये हैं कि अगर स्थानीय लोग ट्रैफिक का जिम्मा न संभालें, तो न सिर्फ यहां भारी जाम लग जाएगा बल्कि गाडियां हिल तक नहीं पाएंगी।
यहां खड़े होकर ट्रैफिक कंट्रोल कर रहे लोगों की मानें तो ट्रैफिक जाम की स्थिति हर रोज़ का आलम है। यहां की स्थिति रोज़ ही बदतर रहती है। घंटों जाम लगा रहता है। ट्रैफिक पुलिस नजऱ नहीं आती। ऐसे में लोगों को खुद आगे बढ़कर ट्रैफिक संभालना पड़ता है। लोग समाजसेवा समझकर ट्रैफिक कंट्रोल करने लगते हैं। ट्रैफिक संभालने का ज़िम्मा या तो यहां का कोई स्थानीय व्यक्ति उठाता है या फिर यहां से गुजऱ रहा राहगीर ही खड़ा होकर समाज सेवा में लग जाता है।


