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राहुल के घर दिल्ली पुलिस

सोशल मीडिया पर एक वीडियो देखकर बहुत से लोगों को हैरानी हुई

राहुल के घर दिल्ली पुलिस
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सोशल मीडिया पर एक वीडियो देखकर बहुत से लोगों को हैरानी हुई। वीडियो में दिल्ली के भीड़भाड़ भरे इलाके में बीच सड़क में एक टैक्सी में दो लड़के एक लड़की को जबरन कार के भीतर धकेल कर बिठाते दिख रहे हैं। उस वक्त सड़क पर पूरी आवाजाही चल रही है, लेकिन फिर भी लड़कों को उस लड़की को जबरन बिठाने का न कोई प्रतिवाद होते दिखा, न पुलिस की कोई सक्रियता नजर आई। यह वीडियो जब वायरल हुआ, उसके बाद पुलिस ने इस पर कार्रवाई शुरु की।

दिल्ली पुलिस ने कहा है कि गाड़ी और ड्राइवर का पता लगा लिया गया है। दो लड़कों और एक लड़की ने रोहिणी से विकासपुरी के लिए टैक्सी ली थी। पुलिस ने कहा है कि लड़की और उसके दोस्तों के बीच किसी बात को लेकर कहा-सुनी हुई, इसके बाद लड़की टैक्सी से उतर कर जा रही थी, तभी दोनों दोस्तों ने उसे जबरदस्ती कार में बैठाने की कोशिश की! लड़की का बयान दर्ज कराये जाने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक दिल्ली पुलिस लड़की का बयान दर्ज करा पाई या नहीं, यह तो पता नहीं।

लेकिन इस घटना से दिल्ली की कानून-व्यवस्था का हाल समझा जा सकता है। हो सकता है दोस्तों में सुलह हो गई हो, हो सकता है लड़की सुरक्षित हो। लेकिन इस घटना से ये तो पता चल ही जाता है कि दिल्ली में सरेआम कोई किसी के साथ बदतमीजी या जबरदस्ती करे तो उसे रोकने के लिए पुलिस फौरन हाजिर नहीं होती है, न ही सड़कों पर करोड़ों रुपए खर्च करके लगाए गए सीसीटीवी कैमरों का कोई उपयोग नजर आता है।

दिल्ली पुलिस सड़क पर तो मुस्तैद नहीं दिखी, लेकिन राहुल गांधी से जानकारी हासिल करने में वह जिस तरह की मुस्तैदी दिखा रही है, उस पर आश्चर्य भी नहीं हो रहा। क्योंकि राहुल गांधी जिस तरह भाजपा के आगे बिना डरे खड़े हुए हैं, उससे तय है कि उन्हें किसी न किसी तरह झुकाने या गलत साबित करने की कोशिश जारी रहेगी। रविवार सुबह दिल्ली पुलिस की एक टीम कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के घर पहुंच गई। क्योंकि उसे उन महिलाओं की जानकारी चाहिए थी, जिनका जिक्र श्री गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान किया था। गौरतलब है कि राहुल गांधी ने कहा था कि उनसे मिलने कुछ महिलाएं आई थीं, जो यौन प्रताड़ना का शिकार हुई थीं।

राहुल गांधी ने उन्हें तभी पुलिस को जानकारी देने और उनकी मदद करने की तत्परता दिखाई थी। लेकिन उन महिलाओं ने मदद लेने से इन्कार करते हुए कहा कि वे केवल अपना दर्द उनसे साझा करने आई थीं। उन्हें अपनी पीड़ा पुलिस को नहीं बतानी है। इस घटना को सुनाकर राहुल गांधी दरअसल जनता को यह बताना चाह रहे थे कि इस देश में महिलाएं किस तरह पीड़ित हो रही हैं। राहुल गांधी ने पांच महीने की 4 हजार किमी की भारत जोड़ो यात्रा में असंख्य महिलाओं से मुलाकात की और उनके सुख-दुख को साझा किया। राहुल गांधी ने बाद के अपने कई भाषणों में बताया कि वे अपने सामने चलने का स्थान खाली रखते थे और भीड़ में से या साथ चलने वाले लोगों में से जो कोई उनके पास आना चाहता, वे उसके लिए पूरी जगह बनाने का इंतजाम रखते थे। वे चाहते थे कि लोग उनके पास आकर यह महसूस करें कि वे अपने घर आए हैं।

आश्चर्य की बात ये है कि राहुल गांधी ये यात्रा सड़क पर कर रहे थे, लोग उनसे सड़क पर ही मिल रहे थे, मिलने वालों में अलग-अलग पृष्ठभूमि के लोग शामिल होते थे, कई जाने-अनजाने चेहरे एक साथ होते थे, लेकिन फिर भी माहौल पारिवारिक और आत्मीय हो जाता था। दरअसल राहुल गांधी ने प्यार, सद्भाव और निडरता के संदेश के साथ भारत जोड़ो यात्रा निकाली तो वे ऐसा ही माहौल बनाने की ईमानदार कोशिश में लगे रहे। लोगों के साथ सहजता के साथ मिलना, उनकी तकलीफें सुनना, उनके साथ हंसी-मजाक करना, खेल खेलना, खाना-पीना, फुटबॉल मैच का आनंद लेना, नृत्य करना, सारे काम राहुल गांधी ने किए। कांग्रेस के कार्यकर्ता या समर्थक ही नहीं, विपक्ष के भी कई दलों ने ये माना कि राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के जरिए इतिहास रच दिया है। भारतीय लोकतंत्र में लोक और तंत्र के बीच जो दूरी आ गई है, उसे पाटने का काम राहुल गांधी ने किया। लेकिन भाजपा को शायद यही बात खटक रही है।

भाजपा ने शुरु से भारत जोड़ो यात्रा के प्रति नकारात्मक नजरिया अपनाया। राहुल गांधी पर व्यक्तिगत प्रहार किए गए, झूठे लांछन लगाए गए, उन्हें देश तोड़ने वालों के साथ खड़ा बताया। इसके बाद भी राहुल गांधी की यात्रा अद्भुत तौर पर सफल रही। अपनी पूरी यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने कई बार अडानी समूह के साथ सत्ता की नजदीकी का मामला उठाया। फिर हिंडनबर्ग रिपोर्ट आई तो संसद में उन्होंने इस मुद्दे को उठाया। संसद में उनके भाषण के हिस्से हटा दिए गए। फिर राहुल गांधी ब्रिटेन दौरे पर गए और वहां अलग-अलग जगहों पर उन्होंने भारतीय लोकतंत्र में आ रही गिरावट पर चर्चा की, देश के मौजूदा राजनैतिक, आर्थिक परिदृश्य की विसंगतियों की ओर ध्यान दिलाया। जिस पर भाजपा ने उन पर देश को बदनाम करने का आरोप लगाया। बजट सत्र के दूसरे हिस्से में संसद लगातार पांच दिन इसलिए ठप्प हुई है, क्योंकि भाजपा राहुल गांधी से माफी की मांग कर रही है। मगर राहुल गांधी माफी नहीं मांग रहे, तो अब उन्हें लोकसभा से निलंबित कराने की कोशिश भाजपा कर रही है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने एक पत्र लोकसभा अध्यक्ष को इस संबंध में लिखा है।

राहुल गांधी को भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने देश विरोधी टूलकिट का हिस्सा बता दिया है। और अब दिल्ली पुलिस उनके घर पहुंच गई। जिन पत्रकारों और राजनेताओं का जनता से जीवंत संपर्क होता है, उनके पास कई तरह की जानकारियां अलग-अलग सूत्रों से आती हैं। जिनका इस्तेमाल वे जनहित और देशहित में करते हैं, लेकिन सूत्र गोपनीय ही रहते हैं। और यहां तो मामला यौन हिंसा से पीड़ित महिलाओं का है, जो अपनी पहचान और पीड़ा दोनों साझा नहीं करना चाहती। अगर वे ऐसा चाहती तो पहले ही पुलिस के पास पहुंच जाती। लेकिन उन्होंने राहुल गांधी से अपने मन की बात कही। और केवल महिलाओं ने ही नहीं, किसानों, मजदूरों, बेरोजगार युवाओं, छात्रों, सैनिकों, बुजुर्गों, कलाकारों सभी तरह के लोगों ने राहुल गांधी से कई तरह की बातें उन पर विश्वास करके कही हैं।

दिल्ली पुलिस अगर महिलाओं की रक्षा करना चाहती है, तो राहुल गांधी से सवाल-जवाब की जगह अपने तंत्र को मजबूत करे और माहौल ऐसा बनाए कि फिर किसी लड़की को कोई जबरदस्ती कार में न बिठा सके।


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