Top
Begin typing your search above and press return to search.

दिल्ली : बेघर लोगों को ठंड व कोरोना से बचाने के लिए बनेंगे 200 से ज्यादा टेंट

दिल्ली में बेघरों की समस्या खत्म करने के लिए करीब 200 रैन बसेरे बने हुए हैं। बढ़ती ठंड को देखते हुए बसेरों की संख्या बढ़ाने का फैसला किया गया है

दिल्ली : बेघर लोगों को ठंड व कोरोना से बचाने के लिए बनेंगे 200 से ज्यादा टेंट
X

नई दिल्ली। दिल्ली में बेघरों की समस्या खत्म करने के लिए करीब 200 रैन बसेरे बने हुए हैं। बढ़ती ठंड को देखते हुए बसेरों की संख्या बढ़ाने का फैसला किया गया है। दिल्ली सरकार के तहत दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड नए टेंट लगाने की प्रक्रिया एक दिसंबर से शुरू कर देगा। दरअसल, सर्दियों में रात में ठंड बढ़ने के साथ ही बेघरों की रैन बसेरों में पहुंचने की संख्या भी बढ़ने लगती है। हालांकि बेघर लोगों के लिए इस बार ठंड के साथ-साथ कोरोना महामारी भी एक बहुत बड़ी चुनौती रहेगी।

कोरोनाकाल में दिल्ली में बेघरों के लिए इस बार खास तैयारी की जा रही है। सर्दियों में बेघरों के लिए करीब 250 अस्थायी टेंट लगेंगे। टेंट के लिए दिल्ली सरकार के तहत दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डूसिब) ने प्रक्रिया शुरू कर दी है।

डूसिब बेघरों के लिए रैन बसेरा चलाता है। दिल्ली में करीब 200 रैन बसेरे स्थायी रूप से बने हुए हैं। इन रैन बसेरों की क्षमता 10 हजार से अधिक लोगों के रहने की है। लेकिन कोरोनाकाल में शारीरिक दूरी बनाए रखने के चलते इस बार कम लोगों रखा जाएगा।

डूसिब के एक अधिकारी ने बताया, "इस बार हम लोगों के लिए चुनौतियां हैं। कोरोना महामारी की वजह से लोगों के लिए शारीरिक दूरी बनाए रखना बहुत जरूरी है। मौजूदा समय में सभी रैन बसेरों को मिलाकर करीब 7000 लोगों के रहने की व्यवस्था है। लेकिन अभी करीब 5 हजार लोग ही रह रहे हैं।"

उन्होंने आगे बताया, "यहां रहने वाले अधिकतर लोग कोरोनाकाल में अपने-अपने गांव चले गए, इस कारण रैन बसेरों में लोगों की संख्या खुद ही कम हो गई है। हम उम्मीद करते हैं कि पिछले साल के मुकाबले इस साल भीड़ कम रहेगी। लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो हम उसके लिए भी तैयार हैं। मौजूदा समय में 200 रैन बसेरों के अलावा, 250 टेंट और लगाने की व्यवस्था कर रहे हैं। हम रैन बसेरों में लोगों को मास्क और सेनिटाइजर भी बांट रहे हैं। इसके अलावा हमें और किसी तरह की व्यवस्था करने की जरूरत पड़ेगी तो हम करेंगे।"

जनाकारी के अनुसार, डूसिब इस प्रयास में है कि इस बार सभी बेघरों को चारपाई उपलब्ध कराई जाए। अभी सभी बेघरों के लिए गद्दे, चादर, तकिया व ओढ़ने के लिए कंबल उपलब्ध कराए जाते हैं।

हालांकि इस बार कोशिश की जा रही है कि बेघरों को बंकर बेड उपलब्ध कराए जाएं। इसमें एक बेड के बराबर स्थान में ऊपर और नीचे दो लोग सो सकते हैं। अभी रैन बसेरों में जमीन पर लेटने की व्यवस्था है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it