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एमसीडी चुनाव : आप के माइंडगेम ने भाजपा को छकाया तो कांग्रेस ने भेदी व्यूह रचना

दिल्ली के तीन नगर निगम फतह करने के लिए आम आदमी पार्टी, भाजपा, कांग्रेस और स्वराज इंडिया के बीच जबरदस्त टक्कर दिख रही है। मुख्य मुकाबले में शामिल आप व भाजपा की छटपटाहट हर मोर्चे पर दिखी

एमसीडी चुनाव : आप के माइंडगेम ने भाजपा को छकाया तो कांग्रेस ने भेदी व्यूह रचना
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अनिल सागर

नई दिल्ली, 23 अप्रैल। दिल्ली के तीन नगर निगम फतह करने के लिए आम आदमी पार्टी, भाजपा, कांग्रेस और स्वराज इंडिया के बीच जबरदस्त टक्कर दिख रही है।

मुख्य मुकाबले में शामिल आप व भाजपा की छटपटाहट हर मोर्चे पर दिखी, अंतर यह है कि आप के नेताओं ने शब्दबाण, बौद्धिकता से हमला किया तो भाजपा जमीन पर इन बाणों को बेअसर व माइंडगेम की हवा निकालने में जुटी रही।

आप की व्यूह रचना कांग्रेस भी समझ चुकी थी इसीलिए उसने भी मुस्लिम आबादी में समझदारी से अपने उम्मीदवार को भारी बनाकर पेश किया जिसका लाभ मिलता दिख रहा है।

आज प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने शांतिपूर्ण मतदान के लिए जनता को बधाई दे दी। उन्होंने कहा किदिल्ली ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राष्ट्र विकास यात्रा से जुड़ने का निर्णय लिया है।

भाजपा इस किले को हर हाल में ढहने से बचाना चाहती है इसीलिए लगभग सभी वरिष्ठ भाजपा नेता आज सुबह से ही मतदान केन्द्रों से जुड़े कार्यकर्ताओं के उत्साहवर्धन के लिए दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में गये।

भगवान बाल्मीकि मंदिर से निकले मनोज तिवारी ने दर्जनों इलाकों में सीधे संपर्क किया तो राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे गौरी शंकर मंदिर, गुरूद्वारा शीशगंज साहिब से शुरू होकर दर्जनों वार्ड में पहुंचे।

उन्होंने कहा कि पुरानी दिल्ली में दिल्ली का दिल बसता है और यहां देखकर कह सकता हूं कि दिल्ली ने विकास के लिए भाजपा को चुना और आज का मत केजरीवाल सरकार के विरूद्ध जनमत बनेगा। यहां सीधा निशाना दिल्ली विधानसभा चुनाव की संभावित तारीखों पर साधा गया। हां, उनके साथ साथ दिल्ली प्रभारी श्याम जाजू भी दर्जनों इलाकों में पहुंचे।

प्रदेश महामंत्री संगठन सिद्धार्थन से सीधे आरएसएस की टीम भी संपर्क में थी।

कांग्रेस के नेताओं ने भी मोर्चा संभाले रखा। बाहरी दिल्ली व दक्षिणी दिल्ली में सांसद रमेश बिधूड़ी भी सक्रिय रहे लेकिन आम आदमी पार्टी के नेताओं ने रणनीति पर काम किया और ट्वीटर, बयान से चुनाव को पूरी तरह से प्रभावित करने के हर संभव प्रयास किए। आलम यह था कि किसी युवा ने ट्वीट कर अपने मतदान केंद्र, मत न मिलने सहित कोई शिकायत की तो उसे तुरंत मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का साथ मिल गया। एक ओर मनीश सिसोदिया ने टीवी चैनल पर मतदान की अपील कर दी तो वहीं बयानों से भी तीर चलते रहे। लेकिन यह तय है कि योजनाबद्ध ढंग से हमले में जुटी आप के नेताओं ने भाजपा के नेताओं को जमीन पर गर्मी में दौड़ाया और कांग्रेस इस पूरे खेल में खुद ही शामिल होती चली गई। अब सबकी नजर परिणाम पर हैं ताकि दिल्ली विधानसभा के लिए तारीखों को मुकर्रर किया जा सके।


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