नशे की गिरफ्त में बढ़ रही है दिल्ली
राजधानी में नशे का जाल बढ़ता जा रहा है और कई स्थानों पर तो स्कूलों के समीप शराब की दुकानें खुली हुई हैं
स्कूलों के पास खुली हैं शराब की दुकानें, बंद कर, जागरूकता अभियान चलाएगी सरकार
नई दिल्ली। राजधानी में नशे का जाल बढ़ता जा रहा है और कई स्थानों पर तो स्कूलों के समीप शराब की दुकानें खुली हुई हैं। दिल्ली सरकार ने मामले के गरमाने के बाद कहा है कि सभी स्कूल प्रधानाचार्यों से कहा है कि वे सौ मीटर व उससे अधिक दूरी पर आसपास में कोई शराब की दुकान हो तो जानकारी दें। हालांकि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री, वित्त विभाग प्रभारी मनीष सिसोदिया ने कहा कि सरकारी अथवा निजी स्कूल के आसपास यदि कोई भी शराब की दुकान नियमों का उल्लंघन करती है तो वहीं बंद की जाएगी। साथ ही दोषी अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
बता दें कि मयूर विहार फेस-3 के रेयान इंटरनेशनल स्कूल के ठीक सामने सरकारी ठेका बना हुआ है तो केरल सोसाइटी माध्यमिक विद्यालय के ठीक सामने भी शराब ठेका है। इसी तरह पूर्वी दिल्ली के अंगद नगर इलाके में नगर निगम के सरकारी विद्यालय और रोड के दूसरी तरफ शराब की दुकान है। गीता कॉलोनी में भी एक प्ले स्कूल के समीप एक सरकारी शराब की दुकान है। पूर्वी दिल्ली के गीता कॉलोनी के झील चौक के तांगा स्टैंड के पास बने सरकारी प्रतिभा विद्यालय के कुछ ही दूरी पर एक ठेका है। इसी तरह पीतमपुरा इलाके में भी क्रिसेंट पब्लिक स्कूल, सरस्वती विहार में व प्रिंस पब्लिक स्कूल, सेक्टर 24, रोहिणी में शराब ठेका है। जबकि रोहिणी के सेक्टर तीन में केंद्रीय विद्यालय, युवाशक्ति मॉडल स्कूल, सर्वोदय विद्यालय के समीप भी शराब बेची जाती है।
दक्षिणी के पंचशील पार्क के रेनबो मोंटेसरी स्कूल के ठीक सामने भी शराब की दुकान है जबकि यहां कॉर्नर मार्किट, मालवीय नगर के नजदीक इस दुकान से चंद फर्लांग पर ही आर्य समाज का स्कूल है। इसी तरह मालवीय नगर से सटे एपीजे स्कूल, शेख सराय के सामने व उससे सटे हुए इलाके में भी शराब की दुकानें चल रही हैं। इतना ही नहीं प्रह्लादपुर, पूर्वी दिल्ली के अन्य कई इलाकों में भी यदा कदा ऐसी मांग उठती रही है जबकि विधायकों ने भी इन ठेको के खिलाफ आवाज उठाई है। यह बात दीगर है कि आज ही दिल्ली सरकार के समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र गौतम ने कहा कि राजधानी के युवाओं में बढ़ती नशे की लत को देखते हुए ख्वाहिशें उड़ान अभियान को शुरू किया जाएगा। नशे के खिलाफ युवाओं में जागरूकता अभियान को अंबेडकर कालेज से शुरू कर दिल्ली के सभी कॉलेजों, स्कूलों और कालोनियों में चलाया जाएगा।
समाज कल्याण मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम ने बताया कि पिछले दिनों पूर्वी दिल्ली के सीमापुरी विधानसभा में एक सर्वे करवाया गया था। इस सर्वे के दौरान 16 स्कूलों मे पढऩे वाले बच्चों से बातचीत में पता चला कि करीब 12 फीसदी बच्चे नशे की लत में हैं। इनमें से अधिकतर बच्चे 9वीं से 12वीं के हैं।
भारत में बढ़ते नशे के कारोबार को देखते हुए हाल ही में राष्ट्रीय स्तर पर किए गए एक सर्वे के अनुसार नशे के वजह से देश में हर रोज 11 बच्चे आत्महत्या कर रहे हैं। इस बारे में गौतम ने कहा कि आकड़े भयावह होने के बाद भी इस दिशा में ठोस काम नहीं हुआ। हालांकि केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा देशभर में नशे के खिलाफ कर्ई प्रकार की मुहिम पहले भी चल रही हैं लेकिन दिल्ली में बढ़ते नशे के व्यापार से पंजाब में नशे के खिलाफ आक्रमक रही आप सरकार पर सवाल जरूर खड़े होने लगे हैं।


