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दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकारी अभियोजकों के लिए विशेष प्रशिक्षण अकादमी पर त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया

दिल्‍ली उच्च न्यायालय ने राज्‍य सरकार से लोक अभियोजकों के लिए एक विशेष प्रशिक्षण अकादमी के प्रस्ताव को चार सप्ताह के भीतर अंतिम रूप देने को कहा है

दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकारी अभियोजकों के लिए विशेष प्रशिक्षण अकादमी पर त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया
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नई दिल्ली। दिल्‍ली उच्च न्यायालय ने राज्‍य सरकार से लोक अभियोजकों के लिए एक विशेष प्रशिक्षण अकादमी के प्रस्ताव को चार सप्ताह के भीतर अंतिम रूप देने को कहा है।

मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा (अब सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत) और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ उन कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे थे, जिनमें 2009 का स्वत: संज्ञान मामला भी शामिल था, जिसमें विचाराधीन कैदियों को बिना मुकदमे के लंबे समय तक हिरासत में रखने की बात कही गई थी।

सरकारी अभियोजकों द्वारा वहन की गई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को स्वीकार करते हुए अदालत ने सरकार को इस संबंध में हुई प्रगति को रेखांकित करते हुए एक हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

दिल्ली सरकार के वकील संतोष कुमार त्रिपाठी ने अदालत को सूचित किया कि नव नियुक्त लोक अभियोजकों ने दिल्ली न्यायिक अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त किया है, जबकि एक समर्पित अकादमी का प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन है।

न्याय मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव के. विरमानी ने कहा कि वर्तमान प्रशिक्षण की प्रकृति तदर्थ है। उन्‍होंने नव नियुक्त लोक अभियोजकों के लिए एक संरचित कार्यक्रम की वकालत की।

अदालत ने दिल्ली सरकार को अपने प्रस्ताव को अंतिम रूप देने के लिए चार सप्ताह की समय सीमा तय की और उठाए गए कदमों के विवरण के साथ एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।

मामले की अगली सुनवाई 6 दिसंबर को होगी।


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