दिल्ली हाईकोर्ट का जलभराव की समस्या हल करने का निर्देश
दलील में दिल्ली सरकार और अन्य लोगों से जलभराव को रोकने के लिए व्यवस्था करने के निर्देश दिए

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को बारिश के मौसम में राष्ट्रीय राजधानी में जलभराव की समस्या के स्थायी समाधान की मांग वाली याचिका का निपटारा करते हुए अधिकारियों को मामले पर कार्रवाई करने और कानून के अनुसार इस पर निर्णय लेने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति प्रतीक जालान के साथ मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल की अध्यक्षता वाली हाईकोर्ट की खंडपीठ ने बारिश के मौसम में राजधानी में जलभराव की समस्याओं के स्थायी समाधान की मांग करने वाली याचिका का निपटारा करते हुए कहा, "हम संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हैं कि वे मामले के तथ्यों पर लागू कानून, नियमों, विनियमों और सरकारी नीतियों के अनुसार याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व तय करें।"
यह याचिका एक संगठन 'एंटी-करप्शन काउंसिल ऑफ इंडिया' ने अधिवक्ता हुसैन मुईन फारूक, बी. सुधा और ए.के. सिंह के माध्यम से दायर की थी। याचिकाकर्ता ने कहा कि उत्तरदाताओं ने जल-जमाव की समस्या को हल करने के लिए उचित व्यवस्था करने में रुचि नहीं दिखाई है और दिल्लीवासियों की दुर्दशा की अनदेखी की है।
दलील में दिल्ली सरकार और अन्य लोगों से जलभराव को रोकने के लिए व्यवस्था करने के निर्देश दिए और समय-सीमा में जल निकासी और सीवरेज प्रणालियों की उचित सफाई और रखरखाव सुनिश्चित करने की मांग की।
याचिका में कहा गया है कि जलभराव के कारण जान गंवाने वालों के परिवारों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाना चाहिए और जिन लोगों के घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें भी पर्याप्त मुआवजा दिया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि पिछले दिनों बारिश के बाद हुए जलभराव से कई वाहन फंस गए थे। दिल्ली में एक अंडरपास में जलजमाव के कारण फंसे ऑटो चालक की डूबने से मौत हो गई थी।


