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दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले से छात्रों मेें बैचेनी बढ़ी

सीबीएसई की परीक्षाओं में कृपांक ग्रेस मार्क की नीति इस वर्ष भी जारी रखने के दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को देखते हुए इनके नतीजों को लेकर बनी अनिश्चितता की स्थिति से छात्रों में बेचैनी बढ़ी

दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले से छात्रों मेें बैचेनी बढ़ी
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नयी दिल्ली। केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई)की परीक्षाओं में कृपांक (ग्रेस मार्क) की नीति इस वर्ष भी जारी रखने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को देखते हुए इनके नतीजों को लेकर बनी अनिश्चितता की स्थिति से अभिभावकों तथा छात्रों में बेचैनी बढ , सीबीएसई की बारहवीं कक्षा के नतीजे इस सप्ताह तक आने की उम्मीद थी।

सीबीएसई सूत्रों ने कहा था कि नतीजे 22 मई से 27 मई के बीच कभी भी आ सकते हैं लेकिन न्यायालय के फैसले से अनिश्चितता की स्थिति बन गयी है। इस बीच, सीबीएसई के चेयरमैन आर के चतुर्वेदी ने राजधानी में आज एक कार्यक्रम के दौरान मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर से मुलाकात की।

समझा जाता है कि दोनों के बीच इस मुद्दे पर भी बातचीत हुई। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कल अपने फैसले में सीबीएसई को कठिन सवालों के बदले ग्रेस मार्क्स देने की मॉडरेशन नीति जारी रखने के आदेश दिये थे।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीएसई से वही नीति जारी रखने को कहा था, जो परीक्षा फार्म भरते समय लागू थी।

अभी तक सीबीएसई द्वारा बारहवीं के बोर्ड के नतीजों के बारे में कोई आधिकारिक बयान जारी न होने से छात्रों और उनके अभिभावकों में बैचेनी बढ़ गयी है। सूत्रों का कहना है कि आज शाम तक सीबीएसई इस बारे में कोई बयान जारी कर स्पष्टीकरण दे सकती है।


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