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दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रेडमार्क का उल्लंघन करने वाली क्रोमा रिक्रूटर्स की वेबसाइट्स को ब्लॉक करने का दिया आदेश

| दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल ही में आदेश दिया है कि क्रोमा में भर्ती करने वाली और लोगों से पैसे लेकर ठगी करने वाली उल्लंघनकारी वेबसाइटों को ब्लॉक किया जाना चाहिए।

दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रेडमार्क का उल्लंघन करने वाली क्रोमा रिक्रूटर्स की वेबसाइट्स को ब्लॉक करने का दिया आदेश
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नई दिल्ली, 7 दिसंबर (आईएएनएस)| दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल ही में आदेश दिया है कि क्रोमा में भर्ती करने वाली और लोगों से पैसे लेकर ठगी करने वाली उल्लंघनकारी वेबसाइटों को ब्लॉक किया जाना चाहिए। क्रोमा टाटा के स्वामित्व वाली इलेक्ट्रॉनिक्स रिटेल स्टोर चेन है। न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने दूरसंचार विभाग, संचार मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को कार्यवाही के लंबित रहने के दौरान आपत्तिजनक वेबसाइटों तक पहुंच को अवरुद्ध करने का निर्देश दिया। क्रोमा की कुछ ऐसी वेबसाइटें हैं जो ट्रेडमार्क का उल्लंघन करती हैं।

अदालत ने पंजीकरण विवरण जैसे कॉन्टेक्ट इंफॉर्मेशन, पेमेंट डिटेल्स और डोमेन नाम रजिस्ट्रार से आपत्तिजनक वेबसाइटों के कुलसचिवों की पहचान से संबंधित कोई अन्य जानकारी भी मांगी।

वादी इनफिनिटी रिटेल लिमिटेड, जो खुदरा स्टोर का मालिक है, ने अपने पंजीकृत ट्रेडमार्क और कॉपीराइट के उल्लंघन को रोकने के लिए स्थायी निषेधाज्ञा की मांग करते हुए एक मुकदमा दायर किया था। यह टाटा समूह की सहायक कंपनी है।

याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत को बताया कि जालसाजों ने व्हाट्सएप के माध्यम से उपभोक्ताओं को क्रोमा में नौकरी देने का झांसा दिया। उपभोक्ताओं को बैंक खातों/यूपीआई आईडी में पैसे ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया गया है।

अदालत को आगे बताया गया कि पीड़ितों को धोखाधड़ी में 1,65,000 रुपये तक का नुकसान हुआ है।

न्यायमूर्ति नरूला ने वादी को एक पक्षीय निषेधाज्ञा देते हुए कहा कि अदालत की प्रथम ²ष्टया राय है कि प्रतिवादियों ने वादी के पंजीकृत चिन्हों का उल्लंघन किया है।

कोर्ट ने कहा, वादी ने बाजार में पर्याप्त सद्भावना और प्रतिष्ठा अर्जित की है और भारत में अपने व्यापार संचालन के माध्यम से काफी राजस्व अर्जित किया है। वादी के पंजीकृत चिन्ह प्रसिद्ध चिन्ह हैं और यदि कोई पूर्व-पक्षीय अंतरिम निषेधाज्ञा नहीं दी जाती है, तो वादी को एक अपूरणीय क्षति होगी। शेष राशि सुविधा भी वादी के पक्ष में और प्रतिवादी नंबर 1 से 4 के खिलाफ है।

दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को वादी में उल्लिखित मोबाइल नंबरों को अस्थायी रूप से निलंबित और उनकी पहचान के विवरण का खुलासा करने का निर्देश दिया। साथ ही, उल्लिखित यूपीआई आईडी को अस्थायी रूप से निलंबित और अक्षम करने का आदेश दिया।

अदालत ने प्रतिवादियों को यह भी कहा कि वे कहीं भी उल्लंघन करने वाले डोमेन नामों का उपयोग या पंजीकरण करने से रोकें या किसी भी गतिविधि में शामिल हों। इस मामले की अगली सुनवाई 27 मार्च, 2023 को है।



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