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दसवीं में फेल 55 हजार बच्चों को ओपन स्कूल से पढ़ाएगी दिल्ली सरकार

राजधानी में 10वीं कक्षा में दो या उससे ज्यादा बार फेल होने वाले विद्यार्थियों को पास कराने के लिए दिल्ली सरकार अब इन बच्चों को नेशनल ओपन स्कूल में दाखिले दिलवाएगी

दसवीं में फेल 55 हजार बच्चों को ओपन स्कूल से पढ़ाएगी दिल्ली सरकार
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नई दिल्ली। राजधानी में 10वीं कक्षा में दो या उससे ज्यादा बार फेल होने वाले विद्यार्थियों को पास कराने के लिए दिल्ली सरकार अब इन बच्चों को नेशनल ओपन स्कूल में दाखिले दिलवाएगी। दिल्ली सरकार इन बच्चों को दाखिले के बाद स्कूलों में खोले गए सेंटर्स में पढ़ाई करवाएगी।

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने मंत्रिमंडल बैठक के बाद बताया कि वैसे तो ऐसा कुछ लिखित में नहीं है लेकिन सच ये है कि 10वीं में दो बार फेल होने के बाद स्टूडेंट्स को एडमिशन नहीं मिल पाता था।

उन्होने माना कि दो बार फेल होने के बाद ये बच्चे ड्रॉप आउट हो जाते हैं। यह स्थिति सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह के स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों के साथ है। अभी तक यानी पिछले साल से पहले तक ऐसा ही होता था लेकिन पिछले साल हमने एक प्रयोग किया जिसमें 10वीं में फेल हुए बच्चों को सीबीएसई के पत्राचार से पढ़ाया। उन्हें बाकी बच्चों की तरह क्लासेस कराई गईं। यूनिफार्म दिलाया। वो सारी सुविधाएं इन बच्चों को भी दी गईं तो रेगुलर बच्चों को दी जाती है। लेकिन इस वक्त भी सीबीएसई मेन और सीबीएसई पत्राचार से फेल हुए करीब 55 हजार बच्चे हैं जिन्हें अब हम एनआईओएस से पढ़ाएंगे। मंत्रिमंडल ने आज यह फैसला लिया है।

श्री सिसोदिया ने बताया कि ओपन स्कूल में कैरिकुलम जहां आसान है वहीं यहां बच्चों को क्रेडिट मिल जाता है। मसलन यदि कोई बच्चा सीबीएसई पत्रचार में दो विषयों में पास हुआ है तो उसे यहां केवल तीन विषयों में ही पास होने की जरूरत होगी। मनीष सिसोदिया ने कहा कि लड़कियों के लिए ज्यादा सेंटर खोले जाएंगे ताकि उन्हें पढ़ाई के लिए दूर न जाना पड़े। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यदि कोई विद्यार्थी 10वीं पास नहीं होता है तो उसे स्किल से संबंधित पाठ्यक्रमों में भी एडमिशन नहीं मिल पाता। वो सर्टिफिकेट कोर्सेस भी नहीं कर पाता। इस तरह उसके करियर से संबंधित सारे विकल्प लगभग खत्म होने लगते हैं। इसलिए ऐसे विद्यार्थियों के बेहतर भविष्य के लिए मंत्रिमंडल ने यह फैसला किया है। समाज में लड़कियों के फेल होने के बाद घर में कामकाज इकलौता विकल्प होता है इसलिए लड़कियों को विशेष कैरियर विकल्प पर काम करेंगे।

दिल्ली से बाहर पढऩे वाले बच्चों को भी मिलेगा एजुकेशन गारंटी लोन स्कीम का फायदा

वहीं उन्होने बताया कि अब दिल्ली से पास होने के बाद देश के किसी भी सरकारी संस्थान में पढ़ाई करने पर दिल्ली सरकार की एजुकेशन गारंटी लोन स्कीम का फायदा मिल सकेगा। अब तक इस स्कीम का फायदा दिल्ली से पास होकर दिल्ली की यूनिवर्सिटीज और कॉलेज में पढऩे वाले बच्चों को ही मिलता था। मंत्रिमंडल ने इसका दायरा बढ़ाने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि हमने हायर और टेक्निकल एजुकेशन के लिए लोन गारंटी योजना शुरू की थी। इसके तहत बच्चों को बैंक से 10 लाख रुपये का लोन मिलता है। सरकार ने एक ट्रस्ट बनाया है जो इस लोन की गारंटी देती थी। अब तक ये स्कीम दिल्ली की यूनिवर्सटीज और कॉलेज में पढऩे वाले बच्चों के लिए थी लेकिन अब देश के किसी भी सरकारी संस्थान या राज्यों के सरकारी संस्थानों में एडमिशन वाले बच्चों को इसका फायदा मिलेगा।

दिल्ली सरकार दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों में 1 सितंबर को पैरेंट्स टीचर मीटिंग का आयोजन करने जा रही है। दिल्ली के उप.मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले हर बच्चों के माता-पिता से अपील है कि वे पीटीएम में जरूर हिस्सा लें। आम तौर पर माता-पिता में से कोई एक ही पीटीएम में आते हैं लेकिन इस बार दोनों को आना चाहिए फिर चाहे बच्चा नर्सरी में हो या 12वीं में। शिक्षा मंत्री ने कहा कि पैरेंट्स और टीचर बातचीत बहुत जरूरी है और इससे बच्चों की पढ़ाई में मदद मिलेगी।


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