Top
Begin typing your search above and press return to search.

दिल्ली सरकार ने किराया न बढ़ाने की अपील केंद्र को भेजी

दिल्ली मेट्रो के किराया वृद्घि को लेकर घमासान बढ़ता ही जा रहा है एक ओर आज दिल्ली विधानसभा में सरकार ने पेश संकल्प के जवाब में जोर देकर कहा कि दिल्ली मेट्रो का किराया नहीं बढ़ाया जाना चाहिए

दिल्ली सरकार ने किराया न बढ़ाने की अपील केंद्र को भेजी
X

नई दिल्ली। दिल्ली मेट्रो के किराया वृद्घि को लेकर घमासान बढ़ता ही जा रहा है एक ओर आज दिल्ली विधानसभा में सरकार ने पेश संकल्प के जवाब में जोर देकर कहा कि दिल्ली मेट्रो का किराया नहीं बढ़ाया जाना चाहिए। विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता इससे सहमत दिखे लेकिन उन्होने दिल्ली सरकार को सार्वजनिक परिवहन में बसें जोड़ने में फेल होने के कारण तीन हजार करोड़ सब्सिडी वहन करने का सुझाव दिया। जबकि कांग्रेस ने भाजपा और आम आदमी पार्टी पर सड़कछाप राजनीति का आरोप लगाते हुए मंगलवार को विरोध प्रदर्शन का ऐलान कर दिया।

हां, विधानसभा के भीतर विधायकों ने किराया वृद्घि रोकने के लिए पेश संकल्प पर मुहर लगाकर जरूर केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी को भेज दिया। विधानसभा में संकल्प चर्चा में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि यहां सत्तापक्ष वृद्धि रुकवाना चाहता है और विपक्ष किराया बढ़ाने के पक्ष में है।

उन्होंने आरोप लगाया कि मेट्रो के किराया इसलिये बढ़ाने की तैयारी है ताकि टैक्सियों को बढ़ावा दिया जा सके। सब्सिडी तो बहाना है लेकिन सार्वजनिक परिवहन ठप कर ये टैक्सियों को बढ़ावा देना चाहते हैं। किराया बढ़ाने के बाद लोग सड़कों पर वाहन से चलेंगे जिससे प्रदूषण बढ़ेगा। उन्होंने मेट्रो को सम्पत्ति विकास पर बल दिया और कहा कि तीसरा चरण भी इसीलिए विलम्ब से है क्योंकि जीएसटी लागू हो गया। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने संकल्प पर चर्चा के जवाब में विपक्ष के तथ्यों को गलत बताते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने मेट्रो किराये में बढ़ोतरी का विरोध किया है। हमारा अधिकार बनता है कि हम 6 महीने के भीतर दोबारा बढ़े हुए किराये का विरोध करें।

उन्होने कहा कि किराया निर्धारण कमिटी की रिपोर्ट दूसरे देशों में बिना किराया बढ़ाये कैसे मेट्रो की संपात्ति बढ़ाई जाती है इस पर भी बहुत कुछ कहती है। श्री गहलोत ने बताया कि वर्ष 2006 से 16-17 तक सिर्फ 413 करोड़ रुपये मेट्रो ने संपत्ति विकास से जुटाए। जबकि तीसरे चरण तक एक हजार करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य था। दिल्ली सरकार के बार बार कहने के बावजूद अगर किराया बढ़ाया जाता है तो ये आम लोगों के खिलाफ होगा।

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को लिखा कि किराया बढ़ना दिल्ली वालों के हित में नहीं है। तो केंद्र सरकार का जवाब आया कि दिल्ली सरकार किराया नहीं बढ़ने की सूरत में 3 हज़ार करोड़ सालाना देने के लिए तैयार रहे। मुख्यमंत्री ने बढ़िया प्रस्ताव रखा कि आधा आधा कर लेते हैं। 1500 करोड़ आप दें आधा हम देंगे। वरना दिल्ली मेट्रो हमारे हवाले कर दो पांच साल किराया बढ़ाने की नौबत नहीं आने देंगे। आज यशहरी विकास मंत्रालय सचिव जो कि मेट्रो के चेयरमैन हैं ने जवाब भेजा कि बोर्ड मीटिंग बुलाने का फायदा नहीं है, किराया बढ़ना चाहिए। दिल्ली सरकार आधा पैसा देती है तो क्या बोर्ड मीटिंग बुलाने का अधिकार भी उसे नहीं है।

इससे पहले भाजपा विधायक जगदीश प्रधान ने मेट्रो को दिल्ली कि लाइफ लाइन है बताते हुए कहा कि उसका किराया काम होना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने सरकार पर आरोप लगाए कि तीसरे चरण का काम उसके कारण विलंब से चल रहा है जबकि चौथे चरण सहित कई मंजूरी अभी भी लटकी हुई हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल व केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी की लड़ाई के कारण जापान बैंक फॉर इन्टरनेशनल कॉर्पोरेशन पर बुरा असर पड़ेगा क्योंकि यह एजेन्सी मेट्रो के नए प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए ऋण प्रदान करती है।

दिल्ली सरकार व केन्द्र सरकार के बीच दिल्ली मेट्रो को लेकर चल रही लड़ाई दिल्ली मेट्रो को बर्बाद कर देगी। उन्होने कहा कि दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव केके शर्मा फेयर किराया निर्धारण समिति में सदस्य थे तथा उन्होंने इस कमेटी में किराए की बढ़ौतरी के निर्णय के खिलाफ आवाज क्यों नही उठाई थी। उन्होने कहा कि तीसरे चरण में सितम्बर 2016 तक 159 किलोमीटर लम्बी मेट्रो लाईन का निर्माण होना थाए परंतु मेट्रो के इतिहास में पहली बार एक वर्ष की देरी के बावजूद 159 किलोमीटर में से केवल 22 किलोमीटर मेट्रो लाईन लाईन की शुरुआत हो पाई है।

यदि आप और भाजपा की केन्द्र सरकार मेट्रो किराए की बढ़ौतरी पर सड़क छाप राजनीति से बाज नही आते हैं तो कांग्रेस बुधवार से 'राजनीति रोको, मेट्रो बचाओ' आंदोलन करेगी। वहीं आज एनएसयूआई के छात्रों ने जहां विरोध में मेट्रो को रोकने का प्रयास किया तो दिल्ली मेट्रो यात्री संघ ने मंगलवार को सफर न करने की अपील की है।

विधानसभा आज भी चलेगी...

भाजपा नेता के बेटे और केजरीवाल की टिप्पणी पर हुआ हंगामा भाजपा विधायक को मार्शलों से करवाया बाहर

दिल्ली विधानसभा में आज विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच कई बार हंगामा हुआ और अंत में भाजपा के राष्टï्रीय अध्यक्ष अमित शाह के पुत्र जय शाह के मुद्दे पर सत्तापक्ष के विधायकों ने ही जमकर नारेबाजी की। जय शाह के मुद्दे पर स्पीकर रामनिवास गोयल ने सदन को पहले दो बार स्थगित किया और बाद में बुधवार तक बढ़ाने का ऐलान किया। विधानसभा में आप विधायक संजीव झा ने जय शाह की कम्पनी सम्बन्धी समाचार का मुद्दा उठाया और इसके बाद हंगामा बढ़ गया और सत्तापक्ष के विधायक स्पीकर के आसन के सामने आकर नारे लगाने लगे। दरअसल सदन में दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल द्वारा शक्तियों पर भेजे सन्देश पर चर्चा प्रस्तावित थी लेकिन हंगामा शुरू होने पर स्पीकर ने कहा कि सदन की कार्रवाही को मंगलवार तक बढ़ा दिया।

सदन शुरू होते ही पहले भाजपा विधायक ओमप्रकाश शर्मा ने आपत्ति जताई कि बिना बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक के सदन में कामकाज किया जा रहा है। इसे स्पीकर रामनिवास गोयल ने खारिज करते हुए नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता द्वारा ध्यानाकर्षण प्रस्ताव व भाजपा विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा से अवमानना के नोटिस पर चर्चा को भी व्यवस्था दी कि समयाभाव के कारण यह नहीं हो सकेगा। इसके बाद ही भाजपा विधायक सिरसा ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सदन में मेरी मां को गाली दी है।

उन्होने सवाल किया कि क्या मुख्यमंत्री मां-बहन को गाली देंगे, यह स्वीकार होगा? इस पर खड़े होकर विजेंद्र गुप्ता ने भी कहा कि पूरे विपक्ष को गाली दी है। स्पीकर रामनिवास गोयल ने कहा कि आप लोगों ने मीडिया और फेसबुक पर अपनी राय जाहिर कर दी है, फिर इसे सदन में उठाने का क्या मतलब। इसके बाद भी मनजिंदर सिंह सिरसा का विरोध जारी रहने पर स्पीकर रामनिवास गोयल ने मार्शलों से उन्हें सदन से बाहर करवा दिया गया।


हालांकि सरकार के रवैये पर विपक्ष के अन्य विधायक भी सदन का बहिष्कार कर गए। हालंाकि आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सदन में मौजूद नहीं थे।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it