दिल्ली सरकार कर रही लोगों के मौलिक अधिकार का हनन: बिधूड़ी
बिधूड़ी : राजनीति बयानबाजी की बजाय मरीजों की दिक्कतों को दूर करने की जरूरत है।

नयी दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कोरोना जांच कम करने के दिल्ली सरकार के फैसले को लोगों के मौलिक अधिकार का हनन बताते हुए शनिवार को कहा कि राजनीति बयानबाजी की बजाय मरीजों की दिक्कतों को दूर करने की जरूरत है।
स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन के आज कोरोना जांच कम करने को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के दिशा निर्देश बताये जाने पर श्री बिधूड़ी ने सवाल किया कि वह (श्री जैन) यह बतायें कि पहले अधिक जांच क्या परिषद के दिशा निर्देशों का उल्लंघन करके की जा रही थी।
उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहेब अम्बेडकर का हिमायती होने का दंभ भरने वाले अरविंद केजरीवाल ने कोरोना की जांच कम कर लोगों का मौलिक अधिकार तो छीना ही है, संविधान का खुला उल्लंघन भी किया है।
श्री बिधूड़ी ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने निजी लैब में कोरोना जांच बंद कराने का फैसला क्या केंद्र और परिषद से पूछ कर किया था। उन्होंने कहा कि क्या केंद्र सरकार ने कहा था कि जांच कम करो और लैब बंद कर दो। लैब बंद कर केजरीवाल सरकार ने लोगों के मौलिक अधिकार को छीना है और उच्चतम न्यायालय की फटकार के बाद केंद्र और परिषद पर दोष मढ़ना चाहती है। अपनी गलती दूसरों पर थोपना श्री केजरीवाल की पुरानी आदत है और फिर वही कर अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए राजनीति कर रही है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोरोना संक्रमण की स्थिति दिनों दिन भयावह होती जा रही और राजनीति करने की बजाय मुख्यमंत्री और सरकार के अन्य मंत्री स्थिति को समझें और बयानबाजी नहीं करके लोगों की मुश्किलें दूर करने पर ध्यान दें।
गौरतलब है कि शुक्रवार को दिल्ली में कोरोना के रिकार्ड 2137 नये मामले से कुल संक्रमितों की संख्या 36824 हो गई। दिल्ली में यह संक्रमण 1214 की जान ले चुका है।


