Top
Begin typing your search above and press return to search.

दिल्ली सरकार सिर्फ कार्रवाई का दिखावा कर रही है : सौरभ भारद्वाज

आम आदमी पार्टी (आप) के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने रेखा गुप्ता की सरकार पर आरोप लगाया है कि वह निजी स्कूलों की मनमानी और बच्चों को दी जा रही प्रताड़ना के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है

दिल्ली सरकार सिर्फ कार्रवाई का दिखावा कर रही है : सौरभ भारद्वाज
X

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने रेखा गुप्ता की सरकार पर आरोप लगाया है कि वह निजी स्कूलों की मनमानी और बच्चों को दी जा रही प्रताड़ना के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है और सिर्फ कार्रवाई का दिखावा कर रही है।

सौरभ भारद्वाज ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह मामला 20 मार्च से शुरू हुआ, जब दिल्ली के विभिन्न निजी स्कूलों ने अचानक और बेतरतीब तरीके से फीस में भारी बढ़ोतरी कर दी। द्वारका स्थित डीपीएस स्कूल में तो बच्चों को सिर्फ इसलिए कक्षा में नहीं बैठने दिया गया क्योंकि उनके माता-पिता ने बढ़ी हुई फीस का भुगतान नहीं किया था। बच्चों को लाइब्रेरी में बैठाकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया और यहां तक कि टॉयलेट जाने पर भी रोका गया।

उन्होंने बताया कि इस अन्याय के खिलाफ दिल्ली भर के माता-पिता धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं और शिक्षा विभाग तथा मुख्यमंत्री तक को शिकायतें की गई हैं, लेकिन कहीं से कोई सहायता नहीं मिली। नतीजतन, अभिभावकों को मजबूरी में हाई कोर्ट का रुख करना पड़ा। 'आप' ने जब इस मामले को उठाया, तब जाकर दिल्ली सरकार ने आनन-फानन में डीएम की अगुवाई में एक जांच कमेटी का गठन किया। गत 3 अप्रैल को डीएम ने डीपीएस द्वारका का निरीक्षण किया, जिसमें बच्चों को लाइब्रेरी में बैठाकर प्रताड़ित करने की पुष्टि हुई। हालांकि, हाई कोर्ट में प्रस्तुत रिपोर्ट में फीस वृद्धि से संबंधित कोई जानकारी नहीं दी गई।

हाई कोर्ट की सुनवाई का जिक्र करते हुए भारद्वाज ने कहा कि अदालत ने दिल्ली सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए पूछा कि जब डीएम ने प्रताड़ना की पुष्टि की तो प्रिंसिपल के खिलाफ एफआईआर क्यों नहीं हुई और कार्रवाई में देरी क्यों की जा रही है। सरकार की ओर से सिर्फ 'कारण बताओ नोटिस' जारी किया गया जो केवल समय खींचने की कोशिश है।

सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने दावा किया कि 650 स्कूलों का ऑडिट हो चुका है, जबकि हकीकत यह है कि अभी तक ऑडिटर तक नियुक्त नहीं किए गए हैं। उन्होंने मांग की कि यदि वाकई ऑडिट हुआ है तो उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए और यह बताया जाए कि किन स्कूलों ने अवैध तरीके से फीस बढ़ाई और उन पर क्या कार्रवाई की गई।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it