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वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के लिए दिल्ली सरकार ने शुरू की कवायद

दिल्ली सरकार के विकास मंत्री ने आज बताया कि पूर्वी दिल्ली लैंडफिल साइट पर गाजीपुर मुर्गा मंडी का कूड़ा भी फेंका जाता था और तीन माह पूर्व गाजीपुर मंडी में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाने का फैसला किया था

वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के लिए दिल्ली सरकार ने शुरू की कवायद
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नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के विकास मंत्री गोपाल राय ने आज बताया कि पूर्वी दिल्ली लैंडफिल साइट पर गाजीपुर मुर्गा मंडी का कूड़ा भी फेंका जाता था और तीन माह पूर्व गाजीपुर मंडी में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाने का फैसला किया था। टेंडर आमंत्रित किए गए थे लेकिन केवल एक टेंडर आवेदक आने के बाद अब ज्ञात किया जा रहा है कि अकेले टेंडर में दूसरे जगहों पर क्या कीमत आई है ताकि काम को आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने बताया कि मुर्गा मंडी का जितना भी कचरा है वह शोधित किया जा सकेगा और लैंडफिल साइट पर नहीं जाएगा।

श्री राय ने बताया कि जो बिजली पैदा होगी उसका मंडी में ही इस्तेमाल होगा। यहां करीबन 1500 वर्ग मीटर स्थान है जहां 10 मीट्रिक टन कचरा शेाधित किया जा सकेगा। इस परियोजना पर पांच साल में 12 करोड़ रूपए खर्च होंगे व 3.25 करोड़ रूपए इसे तैयार करने की लागत आएगी।

उन्होंने बताया कि यहां उत्पादन शुरू होने पर 1800 यूनिट बिजली तैयार होगी व पांच साल में लागत वसूल हो जाएगी साथ ही 1500 किलो खाद रोजाना निकलेगी। इसी तर्ज पर उत्तरी दिल्ली के खामपुर टीकरी में दिल्ली कृषि विपण बोर्ड मंडी बना रहा है। वहां भी वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाने का फैसला किया है। वहां मंडी के कूड़े के अलावा दिल्ली के कूड़े को भी ट्रीट किया जाएगा।

विकास मंत्री ने बताया कि अब तक नगर निगम से मौखिक बातचीत गई है। क्षमता, स्थान, कूड़े का डिटेल, टेंडरिंग प्रोसेस आदि के बारे में तैयार किया गया ब्यौरा व संपूर्ण विस्तृत रिपोर्ट उत्तरी दिल्ली नगर निगम से मंगवाई है।

उन्होंने बताया कि उत्तरी दिल्ली में जमीन दिल्ली सरकार देगी और उसे बनाने की जिम्मेदारी एमसीडी के पास होगा। करीब 70 एकड़ जमीन पर वहां यह उत्पादन केंद्र बनाया जा सकेगा। इस बारे में निगम से लिखित 18 सितम्बर तक लिखित में प्रस्ताव मांगा है।


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