दिल्ली को 24 घंटे स्वच्छ पानी मिले, सीएम ने अपशिष्ट जल के फिर उपयोग और भूजल रिचार्ज पर की समीक्षा बैठक
दिल्ली को नल से 24 घंटे स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में पीने योग्य पानी की क्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से सोमवार को दिल्ली सचिवालय में एक महत्वपूर्ण बैठक की

नई दिल्ली। दिल्ली को नल से 24 घंटे स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में पीने योग्य पानी की क्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से सोमवार को दिल्ली सचिवालय में एक महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में जल मंत्री सत्येंद्र जैन, डीजेबी के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा, डीएसआईआईडीसी और दिल्ली जल बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। दिल्ली सचिवालय में आयोजित बैठक में सीएम अरविंद केजरीवाल ने अधिकारियों से पानी को दोबारा इस्तेमाल के संबंध में विस्तार से चर्चा की। साथ ही, दिल्ली के अंदर हर घर को नल के जरिए 24 घंटे स्वच्छ पानी मुहैया कराने के लिए चल रही विभिन्न परियोजनाओं की कार्य प्रगति की भी समीक्षा की।
इस बैठक में तय किया गया है कि, "हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार से जो पानी फसलों की सिंचाई में इस्तेमाल के लिए छोड़ा जा रहा है, उस पानी को दिल्ली वालों को पीने के लिए ले लिया जाए और इसके एवज में दिल्ली सरकार, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार को अपने एसटीपी से उतना ही ट्रीटेड पानी देने के लिए तैयार है।"
मुख्यमंत्री ने जल मंत्री और डीजेबी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस संबंध में दोनों सरकारों से विस्तार से बातचीत की जाए, ताकि उनसे सिंचाई में इस्तेमाल हो रहे पीने योग्य पानी को प्राप्त किया जा सके।
साथ ही, झील और वॉटर बॉडीज से पीने योग्य पानी प्राप्त करने और डीएसआईआईडीसी एरिया में सीईटीपी से ट्रीटेड पानी को आरओ के जरिए और शुद्ध कर पुन: इस्तेमाल करने योग्य बनाने के संबंध में भी चर्चा की गई।
इस दौरान सीएम को अधिकारियों ने बताया कि, "हरियाणा सरकार औचंदी नहर में फसलों की सिंचाई के लिए पानी छोड़ती है। साथ ही, हरियाणा सरकार इसी नहर के जरिए दिल्ली सरकार को पीने योग्य पानी भी देती है।"
वहीं इस बात पर भी विचार किया गया कि हरियाणा सरकार द्वारा जो पानी फसलों की सिंचाई के लिए औचंदी नहर में छोड़ा जाता है। चूंकि यह पानी भी साफ और पीने योग्य होता है। इसलिए हरियाणा सरकार से सिंचाई के लिए औचंदी नहर में छोड़े जाने वाले पानी को भी ले लिया जाए और उसका इस्तेमाल दिल्ली में पीने के लिए किया जाए।
औचंदी नहर के पास ही दिल्ली सरकार का रिठाला एसटीपी प्लांट स्थित है।
दिल्ली सरकार, हरियाणा से सिंचाई में इस्तेमाल होने वाले पानी को लेने के एवज में रिठाला एसटीपी से उतना ही ट्रीटेड पानी औचंदी नहर में डाल देगी। हरियाणा सरकार सिंचाई के लिए औचंदी नहर में 25 एमजीडी पानी छोड़ती है, दिल्ली सरकार रिठाला एसटीपी से उतना ही ट्रीटेड पानी वापस कर देगी।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश किए कि, "इस मसले को जल्द से जल्द सुलझाया जाए, ताकि दिल्ली को पीने योग्य और ज्यादा पानी मिल सके।"
दिल्ली सरकार हरियाणा के साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार से भी पीने के लिए पानी लेती है। यूपी सरकार भी बहुत सारा पानी फसलों की सिंचाई में इस्तेमाल करती है। यह साफ और पीने योग्य है।
दिल्ली सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार से अनुरोध किया है कि, "अगर यूपी सरकार सिंचाई में इस्तेमाल होने वाले 140 एमजीडी पानी को भी दिल्ली को पीने के लिए उपलब्ध करा दे, तो दिल्ली सरकार अपने एसटीपी से यूपी सरकार को 140 एमजीडी पानी वापस दे देगी।"
एसटीपी से ट्रीटेड पानी से फसलों की सिंचाई की जा सकती है। सीएम ने अधिकारियों को इस मामले को आगे बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।


