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दिल्ली: अर्बन मोबिलिटी के लिए सरकार संग काम करेंगे आईआईआईटी-दिल्ली के विशेषज्ञ

दिल्ली में अर्बन मोबिलिटी समस्याओं को हल करने के लिए दिल्ली परिवहन विभाग और आईआईआईटी-दिल्ली के विशेषज्ञ साथ मिलकर काम करेंगे

दिल्ली: अर्बन मोबिलिटी के लिए सरकार संग काम करेंगे आईआईआईटी-दिल्ली के विशेषज्ञ
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नई दिल्ली। दिल्ली में अर्बन मोबिलिटी समस्याओं को हल करने के लिए दिल्ली परिवहन विभाग और आईआईआईटी-दिल्ली के विशेषज्ञ साथ मिलकर काम करेंगे। आईआईआईटी के साथ इस साझेदारी से दिल्ली में स्मार्ट और विश्वसनीय परिवहन वयवस्था को सु²ढ़ बनाने में सहायता मिलेगी। दिल्ली परिवहन विभाग ने इंद्रप्रस्थ सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, आईआईआईटी दिल्ली के साथ एक एमओयू किए हैं। इसके अनुसार, इंद्रप्रस्थ सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली परिवहन विभाग के साथ मिलकर दिल्ली के नागरिकों के लिए शहरी परिवहन और सतत विकास के क्षेत्र में समस्याओं को हल करने और समाधान बनाने की दिशा में काम करेगा।

आईआईआईटी में बुधवार को सेंटर फॉर सस्टेनेबल मोबिलिटी (सीएसएम) भी शुरू हुआ। अप्रैल 2021 में, दिल्ली सरकार ने दिल्ली नॉलेज डेवलपमेंट फाउंडेशन के सहयोग से शहरी परिवहन से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए इसके लिए एकमुश्त अनुदान प्रदान किया था। सीएसएम की स्थापना परिवहन सम्बन्धी समस्या क्षेत्रों की पहचान करने और दिल्ली में अर्बन मोबिलिटी से सम्बंधित चुनौतियों और समस्याओं को हल करने की दिशा में दिल्ली परिवहन विभाग को प्रौद्योगिकी रोडमैप प्रदान करने के लिए किया गया है। समझौते के अनुसार सीएसएम दिल्ली सरकार की स्टार्ट-अप नीति को गति प्रदान करते हुए परिवहन से जुड़े स्टार्ट-अप को बढ़ावा देगी।

आईआईआईटी-दिल्ली के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर के बाद दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, आईआईआईटी-दिल्ली टीम द्वारा हमारी कई सफल परियोजनाओं जैसे की ओपन ट्रांजिट डेटा, हमारे बस डेटा को गूगल मैप्स और वन दिल्ली ऐप के साथ एकीकृत करने आदि में तकनीकी मदद प्रदान की गई थी। दिल्ली में अर्बन मोबिलिटी चुनौतियों की पहचान करने और उन्हें हल करने के लिए शैक्षणिक संस्थानों और अनुसंधान केंद्रों के साथ काम करना महत्वपूर्ण है। मुझे विश्वास है कि आईआईआईटी के साथ इस साझेदारी से दिल्ली में स्मार्ट और विश्वसनीय परिवहन वयवस्था को सु²ढ़ बनाने में सहायता मिलेगी।

सेंटर फॉर सस्टेनेबल मोबिलिटी, स्टार्ट-अप की सहायता के लिए एक प्रवेश द्वार के रूप में भी काम करेगा। यह परिवहन विभाग और सम्बंधित एजेंसियों जैसे की दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी), और दिल्ली ट्रांसपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्च र डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (डीटीआईडीसी) आदि के कर्मचारियों के तकनीकी कौशल प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण का कार्य भी करेगा। यहां के फैकल्टी और सदस्य परिवहन मुद्दों व अर्बन मोबिलिटी पर नियमित रिसर्च पेपर भी तैयार करेंगे। दूसरी ओर, परिवहन विभाग उपयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं की पहचान करने के लिए आईआईआईटी-दिल्ली के साथ काम करेगा।

वर्तमान में केंद्र से जुड़े 8 शोधकर्ता, संकाय सदस्य हैं और वे पहले से ही इस दिशा में इलेक्ट्रीफी और रेस्पिरर लिविंग साइंसेज जैसे स्टार्ट-अप के साथ सहयोग कर रहे है। पिछले साल एकमुश्त अनुदान प्राप्त करने के बाद, आईआईआईटी-दिल्ली ने पहले ही दिल्ली सरकार की विभिन्न पहलों जैसे की ओपन ट्रांजिट डेटा, ईवी चाजिर्ंग डेटा एकीकरण, बसों में संपर्क रहित टिकटिंग आदि में योगदान दिया है। सेंटर फॉर सस्टेनेबल मोबिलिटी वन दिल्ली ऐप के पुनर्विकास में भी परिवहन विभाग के साथ भागीदारी कर चुका है जो वर्तमान में पायलट चरण में है।

दिल्ली सरकार सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के उद्देश्य से भविष्यवादी ²ष्टिकोण के साथ परिवहन में मौजूदा मुद्दों को हल करने के लिए लगातार काम कर रही है।


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