छात्रों संग ऑनलाइन आए दिल्ली के शिक्षा मंत्री सिसोदिया
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने ऑनलाइन कक्षाओं के विषय पर शिक्षा विभाग के प्रमुख अधिकारियों, शिक्षकों, छात्रों और अभिभावकों के साथ समीक्षा बैठक की

नई दिल्ली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने ऑनलाइन कक्षाओं के विषय पर शिक्षा विभाग के प्रमुख अधिकारियों, शिक्षकों, छात्रों और अभिभावकों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने छात्रों, शिक्षकों और छात्रों के माता-पिता से ऑनलाइन लाइव आकर इस बारे में विस्तृत प्रतिक्रिया भी ली। चर्चा का मुख्य उद्देश्य यह समझना था कि इन दैनिक गतिविधियों और ऑनलाइन कक्षाओं ने क्या वास्तव में छात्रों को इस विपरीत समय के दौरान भी अपनी शिक्षा को बढ़ाने में मदद की है, जबकि स्कूल कोरोना महामारी के कारण बंद हैं।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, छात्रों के लिए रोज ऑनलाइन कक्षाएं चलाने के पीछे का उद्देश्य लॉकडाउन के प्रभावों और स्कूलों के बंद होने से पढ़ाई पर होने वाले नुकसान को कम करना है।
उन्होने कहा, मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि अधिक से अधिक छात्र प्रतिदिन ऑनलाइन कक्षाओं में भाग ले रहे हैं। कक्षा 12 के 1,33,193 छात्रों (कक्षा 11 के छात्र जो अपने परिणाम का इंतजार कर रहे हैं) ने ऑनलाइन कक्षाओं में पंजीकरण करवा लिया है। वर्तमान में नर्सरी से 8वीं तक की कक्षाओं में पढ़ने वाले करीब 6 लाख छात्र एसएमएस और आईवीआर के माध्यम से हमारे साथ जुड़े हुए हैं।
ये छात्र अपने माता-पिता के मोबाइल फोन पर प्रतिदिन असाइनमेंट प्राप्त करते हैं। दिल्ली सरकार को हैप्पीनेस क्लास के लिए भी शानदार प्रतिक्रिया मिली है, जो पूरे परिवार के लिए प्रतिदिन शाम 4 बजे ऑनलाइन स्ट्रीम किया जा रही है।
शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने इस ऑनलाइन समीक्षा बैठक का उद्देश्य बताते हुए कहा, हमें यह समझना था कि छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों को दूरस्थ कक्षाओं के लिए कैसे तैयार किया जाए। लॉकडाउन ने हम सबको प्रभावित किया है। इसने हमारी युवा पीढ़ी को भी प्रभावित किया है। इसने हमारे छात्रों की पढ़ाई में बाधा डाली है और इसलिए, हमारा शिक्षा विभाग छात्रों की पढ़ाई पर इस प्रभाव को कम करने के लिए नए तरीके (ऑनलाइन कक्षाएं) शुरू करने की कोशिश कर रहा है। हमने अप्रैल के पहले सप्ताह में ऑनलाइन क्लास शुरू की थी और आज हम यहां चर्चा कर रहे हैं कि कैसे ऑनलाइन तकनीक ने हमें महामारी से पढ़ाई में होने वाले नुकसान को कम करने में मदद की है।


