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दिल्ली की अदालत ने पीएफआई मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर संज्ञान लिया

दिल्ली की एक अदालत ने प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़ी कथित आतंकवादी गतिविधियों से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी सैयद मोहम्मद कासिम इब्राहिम के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर गुरुवार को संज्ञान लिया

दिल्ली की अदालत ने पीएफआई मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर संज्ञान लिया
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नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़ी कथित आतंकवादी गतिविधियों से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी सैयद मोहम्मद कासिम इब्राहिम के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर गुरुवार को संज्ञान लिया।

ईडी ने पिछले महीने इब्राहिम के खिलाफ एक सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर किया था, उसके विशेष लोक अभियोजक एन.के. मट्टा ने वकील मोहम्मद फैजान खान के साथ कहा था कि मामले में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।

मंगलवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सचिन गुप्ता ने कहा कि आरोपी कंपनी तमिलनाडु फाउंडेशन ट्रस्ट के सचिव इब्राहिम के खिलाफ आगे बढ़ने के लिए प्रथम दृष्टया पर्याप्त सामग्री है और उसके खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किया है।

इब्राहिम फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 12 दिसंबर को प्रतिनिधि और उसके प्रबंध ट्रस्टी एम मोहम्मद इस्माइल को भी तलब किया है।

यह मामला कई वर्षों में 120 करोड़ रुपये की कथित लॉन्ड्रिंग के इर्द-गिर्द घूमता है। आतंकवादी गतिविधियों से कथित संबंधों के कारण पीएफआई को सितंबर 2022 के अंत में सरकार द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया था।

ईडी ने कथित आतंकवाद-संबंधी गतिविधियों के लिए एनआईए द्वारा दायर एक एफआईआर के आधार पर मामला शुरू किया, जो कड़े गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दंडनीय है।

ईडी ने दावा किया है कि आरोपी और पीएफआई से जुड़े अन्य सदस्य डोनेशन, हवाला लेनदेन, बैंकिंग चैनलों और अन्य माध्यमों से धन इकट्ठा करने में लगे हुए हैं। इन फंडों का इस्तेमाल गैरकानूनी गतिविधियों और विभिन्न अपराधों को अंजाम देने के लिए किए जाने का आरोप लगाया गया था।


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