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दिल्ली की अदालत ने न्यूज़क्लिक एचआर को यूएपीए मामले में सरकारी गवाह बनने की अनुमति दी

दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को न्यूज़क्लिक के मानव संसाधन विभाग के प्रमुख अमित चक्रवर्ती को मीडिया आउटलेट पर चीन समर्थक प्रचार प्रसार करने के लिए धन प्राप्त करने के आरोपों पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के प्रावधानों के तहत दर्ज मामले में सरकारी गवाह बनने की अनुमति दे दी

दिल्ली की अदालत ने न्यूज़क्लिक एचआर को यूएपीए मामले में सरकारी गवाह बनने की अनुमति दी
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नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को न्यूज़क्लिक के मानव संसाधन विभाग के प्रमुख अमित चक्रवर्ती को मीडिया आउटलेट पर चीन समर्थक प्रचार प्रसार करने के लिए धन प्राप्त करने के आरोपों पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के प्रावधानों के तहत दर्ज मामले में सरकारी गवाह बनने की अनुमति दे दी।

चक्रवर्ती ने विशेष न्यायाधीश हरदीप कौर के समक्ष आवेदन दायर कर चल रहे मामले में माफी की मांग की थी।

न्यायाधीश ने चक्रवर्ती को मामले में सरकारी गवाह बनने की अनुमति दे दी, जो दावा करते हैं कि उनके पास ऐसी महत्वपूर्ण जानकारी है, जिसका वह दिल्ली पुलिस के समद्वा खुलासा करना चाहते हैं।

पिछली सुनवाई के दौरान पुलिस सूत्रों ने संकेत दिया था कि एजेंसी उनके बयान में दी गई जानकारी की गहन समीक्षा करने के बाद उनके आवेदन का समर्थन करने के संबंध में निर्णय लेगी।

अदालत ने 22 दिसंबर को दिल्ली पुलिस को जांच पूरी करने के लिए और 60 दिन का समय दिया था, क्योंकि उसने अदालत के समक्ष एक आवेदन दायर कर तीन महीने समय बढ़ाने की मांग की थी।

न्यूज़क्लिक के संस्थापक-संपादक प्रबीर पुरकायस्थ 20 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में हैं।

पुलिस आवेदन में कानून के तहत अनुमत अधिकतम अवधि के विस्तार की मांग की गई, जो कि गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) सहित विशेष अधिनियमों के तहत दर्ज मामलों में आरोपी की गिरफ्तारी के दिन से 180 दिन है।

आवेदन में मामले में दस्तावेजों और सबूतों की विशाल प्रकृति पर जोर दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि एजेंसी को दिल्ली के बाहर विभिन्न स्थानों का दौरा करने की जरूरत है, जिससे अपेक्षित देरी हो रही है।

स्पेशल सेल ने मामले के संबंध में 17 अगस्त को न्यूज़क्लिक के खिलाफ यूएपीए और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की थी। अगस्त में न्यूयॉर्क टाइम्स की एक जांच में न्यूज़क्लिक पर कथित तौर पर चीनी प्रचार को बढ़ावा देने के लिए अमेरिकी करोड़पति नेविल रॉय सिंघम से जुड़े नेटवर्क द्वारा वित्त पोषित संगठन होने का आरोप लगाया गया था।


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