विरोध के साथ जीएसटी का समर्थन, दिल्ली विधानसभा में हुआ पारित
जीएसटी लागू हो यह भारत का जनमत नहीं है और इससे देश का लाभ कम है नुकसान ज्यादा होगा। स्पेशल इकॉनोमिक जोन से क्या फायदा हुआ, हजारों एकड़ जमीन लेकर बड़ी कंपनियों को दिया लेकिन अपेक्षित लाभ नहीं मिला।

नई दिल्ली, 30 मई। दिल्ली विधानसभा में दिल्ली माल और सेवा कर विधेयक, 2017 (जीएसटी) को पारित कर दिया गया है। हालांकि आम आदमी पार्टी के विधायकों ने जीएसटी का विरोध किया तो वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने तर्क दिया कि वे चाहते हैं देश में अधिकतम दस प्रतिशत कर लगाया जाए इसमें पांच प्रतिशत राज्य रखें और पांच केंद्र सरकार। उन्होंने कहा कि जीएसटी एक कॉन्सेप्ट के तौर पर दिल्ली विधानसभा पारित करे आगे अन्य तकनीकि पहलुओं पर चर्चा करके काम जारी रखेंगे व कई वस्तुओं के कराधान तर्कसंगत करने के लिए तीन जून को प्रस्तावित जीएसटी परिषद में चर्चा करूंगा।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली बारहवीं विधानसभा है जो यह जीएसटी पारित कर रही है और आप सरकार बदलाव को समर्थन करती रही है। व्यापारियों को 17 कानून के बदले एक ही कानून के तहत लेनदेन करना होगा इसलिए हम समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि व्यापारियों को सहूलियत होगी तो जनता को भी सुविधा होगी। उन्होंने माना कि कई वस्तुएं हैं जिनके टैक्स दर ठीक किए जाने चाहिए मसलन चश्मे पर 28 प्रतिशत कर ठीक नहीं है क्योंकि वह लग्जरी नहीं है, इसी तरह चम्मच और कटोरी पर अलग अलग टैक्स है, संपत्ति के क्षेत्र में कालाधन है इसे जीएसटी में लाना चाहिए, काले धन का रास्ता छोड़ दिया गया। उन्होंने दावा किया कि सभी भाजपाशासित राज्यों के वित्त मंत्रियों ने संपत्ति को जीएसटी के दायरे में न लाने का आग्रह किया।
श्री सिसोदिया ने बताया कि हैंड बैग, पर्स, छोटे पर्स पर 28 प्रतिशत का टैक्स लगा दिया है और मैं ऐसे ही तमाम पहलुओं पर तीन जून को चर्चा करूंगा।
होटल उद्योग पर 28 प्रतिशत कर से पर्यटक हतोत्साहित होंगे क्योंकि थाईलैंड जैसे देश में छह प्रतिशत टैक्स लागू है। उन्होंने चीन का नाम लेने हुए कहा कि कई देशों के बाजार झपटने के लिए तैयार बैठे हैं हमें कराधान में यह ध्यान रखना होगा। इसे देखते हुए ही यह प्रयोग कर के देखें कि 10 प्रतिशत का प्रावधान किया जाए और पांच-पांच केंद्र राज्य रखें जनता को भी दिखेगा। हालांकि इससे पूर्व नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कई खामियों को उजागर करते हुए कहा कि आप सहमति बनाने के लिए परिषद की बैठक में कुछ और बात करते हैं और बाहर कोई अन्य बात करते हैं। इसलिए जनता को राहत देने वाली टैक्स दरों पर सहमति जताएं।
आप विधायक विशेष रवि ने इसी दौरान संकल्प रखा कि कानून को समर्थन के नाम पर 18 व 28 प्रतिशत का टैक्स लादा जा रहा है इसका विरोध करता है। इससे महंगाई बढ़ेगी, अधिकतम जीएसटी 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए।
स्पीकर रामनिवास गोयल ने सुझाव दिया कि कई देश में है कि विदेश में खरीदारी करने पर देश आने पर नागरिक को टैक्स वापस किया जाता है ऐसा ही दिल्ली में किया जाए इससे पर्यटन की दृष्टि से लाभ मिलेगा। जबकि आप सरकार के श्रम मंत्री गोपाल राय ने जीएसटी को गुलामी को द्योतक करार दिया। उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू हो यह भारत का जनमत नहीं है और इससे देश का लाभ कम है नुकसान ज्यादा होगा। स्पेशल इकॉनोमिक जोन से क्या फायदा हुआ, हजारों एकड़ जमीन लेकर बड़ी कंपनियों को दिया लेकिन अपेक्षित लाभ नहीं मिला। देश को धीरे-धीरे गुलामी की ओर धकेला जा रहा है।
दिल्ली विधानसभा में आज राखी बिड़लान, नितिन त्यागी सहित कई विधायकों ने जीएसटी के विरोध में आवाज बुलंद की।


