दिल्ली एयरपोर्ट पर एंट्री के लिए फेशियल रिकग्निशन तकनीक
दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर सोमवार से डिजिटल यात्रा सिस्टम शुरू किया गया है.

डीजी यात्रा ऐप की मदद से दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दाखिल होने के लिए यात्रियों को कतार में लगने की जरूरत नहीं होगी और न ही उन्हें दस्तावेज दिखाने पड़ेंगे. चेहरा पहचानने की तकनीक की मदद से यात्री को एयरपोर्ट में प्रवेश मिल जाएगा. दिल्ली एयरपोर्ट इंटरनेशनल लिमिटेड (डायल) ने सोमवार को एंड्रायड सिस्टम पर आधारित डीजी यात्रा ऐप का बीटा वर्जन लॉन्च किया है. इस तकनीक की मदद से एयरपोर्ट में एंट्री, सुरक्षा जांच और बोर्डिंग गेट तक यात्री पहुंच पाएंगे. डायल ने कहा कि प्रत्येक यात्री को प्रत्येक टचपॉइंट पर तीन सेकंड से कम समय की आवश्यकता होगी और डीजी यात्रा भी सुरक्षा में सुधार करेगी.
डीजी यात्रा नागरिक उड्डयन मंत्रालय की परियोजना है और 2017 से इसका परीक्षण चल रहा है. इसे घरेलू यात्रियों के लिए दिल्ली हवाई अड्डे के टी3 पर शुरू किया गया था, जहां एयरएशिया इंडिया, एयर इंडिया, इंडिगो, स्पाइसजेट और विस्तारा जैसी एयरलाइंस ऑपरेट करती हैं.
डीजी यात्रा ऐप का बीटा वर्जन एंड्रॉयड यूजर्स के लिए उपलब्ध है और कुछ ही हफ्तों में आईओएस प्लेटफॉर्म के लिए उपलब्ध हो जाएगा. डीजी यात्रा योजना में भागीदारी यात्रियों के लिए स्वैच्छिक है और इसे चुनने वालों को ऐप डाउनलोड करना होगा, खुद को पंजीकृत करना होगा, आधार डिटेल्स लिंक करना होगा, एक सेल्फी लेनी होगी और कोविड-19 टीकाकरण की जानकारी जोड़नी होगी.
डायल का कहना है कि यह एक बायोमीट्रिक एनेबिल्ड सीमलैस ट्रेवल एक्सपीरियंस लाएगा जिसके जरिए यात्री फेशियल रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी के माध्यम से अब एयरपोर्ट में एंट्री और एक्सेस कर पाएंगे.
डायल के सीईओ विदेह कुमार जयपुरियार ने एक बयान में कहा, "चेहरे की पहचान प्रणाली यात्रियों को कई बिंदुओं पर पहचान जांच की प्रक्रिया से बचाएगी और उन्हें कागज रहित यात्रा करने के लिए प्रोत्साहित करेगी और हवाई अड्डे पर सुरक्षा को भी बढ़ाएगी."
इस तकनीक को शुरू करने से पहले एयरपोर्ट पर अत्याधुनिक उपकरण लगाकर करीब 20 हजार यात्रियों के साथ इसका ट्रायल किया गया था.


