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दिल्ली : 555 मिट्रिक टन ऑक्सीजन मिली, चाहिए 187 क्रायोजेनिक टैंकर

दिल्ली सरकार का कहना है कि देश में 1631 टैंकर 8500 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उठा रहे हैं

दिल्ली : 555 मिट्रिक टन ऑक्सीजन मिली, चाहिए 187 क्रायोजेनिक टैंकर
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नई दिल्ली। दिल्ली सरकार का कहना है कि देश में 1631 टैंकर 8500 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उठा रहे हैं। इस हिसाब से दिल्ली को 976 मीट्रिक टन ऑक्सीजन के लिए केंद्र सरकार द्वारा 187 क्रायोजेनिक टैंकर मुहैया कराए जाएं। केजरीवाल सरकार के मुताबिक भारत में क्रायोजेनिक टैंकरों की कोई कमी नहीं है। दिल्ली सरकार ने बुधवार को ऑक्सीजन बुलेटिन जारी करते हुए कहा कि दिल्ली को कल 555 मिट्रिक टन ऑक्सीजन मिली है जबकि हमारी जरूरत 976 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की है। दिल्ली की जरूरत के मुकाबले कुल 57 फीसदी ऑक्सीजन मिली है।

दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष व विधायक राघव चड्ढा ने कहा कि देश में 1631 क्रायोजेनिक टैंकर हैं और 8500 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है। क्रायोजेनिक टैंकरों की संख्या ऑक्सीजन उत्पादन से 3 गुना ज्यादा है। केंद्र सरकार जिस प्रकार से ऑक्सीजन का नियंत्रण और वितरण कर रही है उसी हिसाब से देशभर में क्रायोजेनिक टैंकर का नियंत्रण और वितरण भी करना चाहिए। केंद्र सरकार ने अक्सीजन का आवंटन कर दिया और टैंकरों का आवंटन नहीं किया तो ऑक्सीजन नहीं आ पाएगी।

राघव चड्ढा ने कहा कि क्रायोजेनिक टैंकरों के बिना राज्यों तक ऑक्सीजन कैसे आएगी और कैसे बांटी जाएगी। केंद्र सरकार से मांग है कि जिस हिसाब से ऑक्सीजन का आवंटन किया है उसी तरीके से हर राज्य में क्रायोजेनिक टैंकर का आवंटन भी किया जाए। हाईकोर्ट की फटकार के बाद केंद्र सरकार ने दिल्ली को अभी तक सबसे ज्यादा कल 555 मिट्रिक टन ऑक्सीजन दी है जबकि हमारी जरूरत 976 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की है।

दिल्ली सरकार का कहना है कि केंद्र सरकार ने दिल्ली को आवंटित निर्धारित ऑक्सीजन प्लांटों से 555 मीट्रिक टन ऑक्सीजन नहीं दी है, बल्कि जुगाड़ के जरिए दूसरे राज्यों की ऑक्सीजन पहुंचायी है। हम चाहते हैं केंद्र सरकार अस्थायी तरीकों के बजाए दिल्ली को आवंटित प्लांटों से स्थायी तौर पर अधिक ऑक्सीजन मुहैया कराए।

केजरीवाल सरकार ने एसओएस कॉल से मिलने वाली दिक्कतों को दूर करने के लिए वरिष्ठ और योग्य आईएएस अधिकारियों की टीम बनायी है। यह टीम एसओएस कॉल से जुड़ी दिक्कतों को दूर कर रही है। दिल्ली सरकार ने एसओएस कॉल के जरिए 48 अस्पातलों में ऑक्सीजन पहुंचाई है। ऑक्सीजन के सहारे इलाज करा रहे 4036 लोगों की जान बचाने का काम किया है।

राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट ने एक बार फिर केंद्र सरकार को लताड़ा है। केंद्र सरकार की तुलना शतुरमूर्ग से की है कि आप रेत में सिर घुसा कर बैठे हुए हैं जबकि आपके आसपास मौत का तांडव हो रहा है और लोगों की जाने जा रही हैं। ऑक्सीजन नहीं है लेकिन आप इसकी और नहीं देख रहे हैं। केंद्र सरकार को डांटते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि हर हालत में आपको दिल्ली की ऑक्सीजन जरूरत को पूरा करना होगा। केंद्र सरकार ने फटकार के बाद दिल्ली को अभी तक की सबसे ज्यादा ऑक्सीजन मंगलवार को मिली है।

राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली सरकार के वार रूम में कल 48 एसओएस कॉल कई अस्पतालों से आयी। इनमें कहीं पर ऑक्सीजन खत्म हो रही थी, कहीं पर सिलेंडर नहीं पहुंचे थे और कहीं पर 1 घंटे की ऑक्सीजन बची थी। दिल्ली सरकार की हेल्पलाइन पर आयी 48 एसओएस कॉल से जुड़ी सभी दिक्कतों को दूर किया। हमने कल लगभग 36.40 मीट्रिक टन ऑक्सीजन एसओएस कॉल से जुड़ी दिक्कतों को दूर करने के लिए इस्तेमाल की है। आपातकाल ऑक्सीजन स्टॉक से लगभग 48 अस्पतालों को एसओस कॉल पर ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई।


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