दिल्ली : निर्माण स्थलों पर प्रदूषणरोधी 5 निर्देशों का करना होगा पालन
दिल्ली और केंद्र सरकार की सभी एजेंसियों समेत दिल्ली वासियों को निर्माण स्थलों पर सरकार द्वारा जारी धूल प्रदूषण विरोधी पांच प्रमुख निर्देशों का पालन करना होगा

नई दिल्ली। दिल्ली और केंद्र सरकार की सभी एजेंसियों समेत दिल्ली वासियों को निर्माण स्थलों पर सरकार द्वारा जारी धूल प्रदूषण विरोधी पांच प्रमुख निर्देशों का पालन करना होगा। उन्हें निर्माण स्थलों को टीन शेड, नेट और हरी चादरों से ढंकना होगा, पानी का नियमित छिड़काव करना होगा और निर्माण सामग्री ले जाने वाले ट्रकों को भी ढंकना होगा। दिल्ली सरकार ने सोमवार से 13 हॉटस्पॉट की माइक्रो मॉनिटरिंग शुरू कर दी है। एमसीडी के 9 डिप्टी कमिश्नरों को दिल्ली में चिंहित 13 हॉटस्पॉट का नोडल अधिकारी बनाया गया है। उन्हें 14 अक्टूबर तक विस्तृत रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि एक्शन प्लान बनाया जा सके।
दिल्ली के ग्रीन एप को लॉच करने से पहले सेंट्रल वॉर रूम और सभी संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए ट्रेनिंग का कार्य किया जा रहा है। मंगलवार दोपहर 12 बजे सीएम अरविंद केजरीवाल नरेला के हिरंकी गांव में बॉयो डीकंपोजर तकनीक से तैयार घोल के छिड़काव का आरंभ करेंगे।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, "दिल्ली के अंदर युद्ध, प्रदूषण के विरूद्ध अभियान चल रहा है। इसी के तहत दिल्ली सरकार एंटी डस्ट (धूल नियंत्रण) अभियान चला रही है। इस अभियान के लिए पर्यावरण विभाग (डीपीसीसी) द्वारा कुल 14 टीमें बनाई गई हैं, जो दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में लगातार निरीक्षण कर रहीं हैं।"
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, "कुछ साईटों की शिकायत विभाग को मिली थी, जो मानको को पूरा किए बिना निर्माण कार्य कर रही थीं। उन साईटों का मैंने दौरा किया। खासकर के उन साईटों का जो 20 हजार वर्ग मीटर से ज्यादा की हैं। पहले हमने फिक्की सभागार में चल रहे ध्वस्तिकरण कार्य का जायजा लिया और वहां अनियमितताएं पाए जाने पर 20 लाख रूपए का जुर्माना लगाया गया। विभाग द्वारा कुल 20 हजार वर्गमीटर से ऊपर 39 साईटों को चिंहित किया, जिसमें से 33 साईटों पर एंटी स्मॉग गन लगाए गए हैं।"
धूल नियंत्रण के प्रमुख दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इनके मुताबिक निर्माण या ध्वस्तीकरण के समय उसकी ऊंचाई से तीन गुना (अधिकतम 10 मीटर) ऊपर तक टीन का कवर लगाना होगा। निर्माण एवं ध्वस्त स्थल पर ग्रीन नेट, तिरपाल लगाना होगा। निर्माण, ध्वस्त स्थल पर पानी के छिड़काव की उचित व्यवस्था एवं धूल को दबाने के लिए पानी का लगातार छिड़काव। 20 हजार वर्गमीटर से ऊपर वाली जगह के लिए एंटी स्मॉग गन लगाना जरूरी है।
दिल्ली में प्रदूषण के कुल 13 हॉटस्पॉट हैं, जिनमें मुंडका, अशोक विहार, बवाना, द्वारका, नरेला, आनंदविहार, रोहिणी, विवेक विहार, वजीरपुर, ओखला, जहॉंगीरपुरी, आर.के.पुरम और पंजाबी हैं।
पर्यावरण मंत्री ने बताया कि पूसा एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट के सहयोग से बायो डीकम्पोजर का घोल तैयार हो गया है, उसको दोगुना करने का कार्य शुरू हो चुका है। डीकम्पोजर से बने घोल का छिड़काव 13 अक्टूबर से मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल द्वारा नरेला क्षेत्र के हिरंकी गांव में शुरू किया जाएगा।


