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 सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के आरोप में अर्जित शाश्वत गिरफ्तार

बिहार में पिछले दिनों हुई सांप्रदायिक हिंसा और बिना अनुमति के जुलूस निकालने के आरोप में पुलिस ने शनिवार की रात को अश्विनी चौबे के बेट और भाजपा नेता अर्जित शाश्वत को गिरफ्तार कर लिया है। 

 सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के आरोप में अर्जित शाश्वत गिरफ्तार
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पटना। बिहार की राजधानी पटना में भागलपुर के नाथनगर में पिछले दिनों हुई सांप्रदायिक हिंसा और बिना अनुमति के जुलूस निकालने के आरोप में पुलिस ने शनिवार की रात केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता अर्जित शाश्वत को गिरफ्तार कर लिया है।



शाश्वत का हालांकि कहना है कि उन्होंने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। पटना के सहायक पुलिस अधीक्षक राकेश दूबे ने रविवार को अर्जित को पटना के स्टेशन गोलंबर के पास शनिवार की देर रात गिरफ्तार करने का दावा किया। उन्होंने बताया कि पुलिस को उनके पटना स्थित स्टेशन गोलंबर के पास पहुंचने की सूचना मिली थी जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।

इधर, शाश्वत ने गिरफ्तारी से पहले पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उन्होंने न्यायालय का पूरा सम्मान किया है और वह आत्मसमर्पण कर रहे हैं।



उन्होंने कहा, "मैं किसी दबाव में नहीं था। मैं यहां हनुमान मंदिर में प्रणाम करने आया था और इसके बाद मैंने यहीं पर आत्मसमर्पण करने का फैसला लिया। मैं न्यायालय की शरण में था। न्यायालय की ओर से मेरी अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने की खबर मुझे शाम को मिली। इसके बाद मुझे लगा कि मुझे आत्मसमर्पण करना चाहिए।"

उल्लेखनीय है कि शाश्वत पर 17 मार्च को भागलपुर के नाथनगर में बिना प्रशसनिक अनुमति के एक जुलूस निकालने और उस दौरान सांप्रदायिक हिंसा भड़काने का आरोप है। उनकी गिरफ्तारी के लिए अदालत ने 24 मार्च को गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया था।

उल्लेखनीय है कि भागलपुर की एक अदालत ने शनिवार को शाश्वत की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। शाश्वत ने नाथनगर पुलिस पर गलत मामला दर्ज करने और उन्हें फंसाने का आरोप लगाते हुए कहा कि 'जय श्री राम' और राष्ट्रभक्ति के नारा लगाना गलत है क्या?

बिहार के बक्सर क्षेत्र से सांसद चौबे के पुत्र शाश्वत पिछले विधानसभा चुनाव में भागलपुर से भाजपा के प्रत्याशी थे, लेकिन चुनाव हार गए थे।

शाश्वत की गिरफ्तारी को लेकर विपक्ष लगातार सत्ता पक्ष पर निशाना साध रही थी। इस दौरान सत्तापक्ष के लोगों द्वारा भी शाश्वत की गिरफ्तारी न होने पर सवाल उठाए जा रहे थे।


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