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पानी बिलों की बकाया घोषणा ईमानदार करदाताओं को हतोत्साहित करना: गोयल

 गोयल ने आज संवाददाता सम्मेलन में कहा कि श्री केजरीवाल दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष हैं और यहां भारी भ्रष्टाचार किसी से छिपा हुआ नहीं है।

पानी बिलों की बकाया घोषणा ईमानदार करदाताओं को हतोत्साहित करना: गोयल
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नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने दिल्ली सरकार के पानी के बिलों को माफ करने को चुनावी हथकंडा बताते हुए कहा कि ऐसी घोषणा कर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ईमानदारी से बिलों का भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं को हतोत्साहित कर रहे हैं।

गोयल ने आज संवाददाता सम्मेलन में कहा कि श्री केजरीवाल दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष हैं और यहां भारी भ्रष्टाचार किसी से छिपा हुआ नहीं है। चुनाव नजदीक हैं और अपनी हार को देख केजरीवाल मतदाताओं को लुभाने के लिए लगातार लोक लुभावनी घोषणाएं कर रहे हैं और पानी बिलों का बकाया माफ करना भी इसी कड़ी में है ।

सांसद और दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि श्री केजरीवाल ने चार साल के दौरान तो राजधानी में पानी की आपूर्ति सुधारने के लिए कोई विशेष कदम नहीं उठाये किंतु पिछले एक साल के दौरान जिस तरीके से टेंडर किए जा रहे हैं उनमें भारी भ्रष्टाचार हैं और वह इसका जल्दी ही पर्दाफाश करने के लिए श्वेतपत्र जारी करेंगे।

उन्होंने कहा कि जो पानी उपभोक्ता पिछले कई सालों से ईमानदारी के साथ पानी के बिल जुर्माने के साथ भर रहे हैं उनका क्या कसूर है। दिल्ली सरकार को बकाया भुगतान माफी का ऐलान करने के बाद इन उपभोक्ताओं को वापस करना चाहिए।

श्री गोयल ने कहा कि ईमानदारी से पानी का बिल भरने वालों और विभिन्न रेजिडेंट संघों के साथ मिलकर वह एक हस्ताक्षर अभियान शुरू करेंगे। इसकी शुरुआत शुक्रवार को मुखर्जी नगर से की जायेगी। अभियान के तहत विभिन्न बाजारों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाकर वह लोगों को जागरुक करेंगे।

सांसद ने कहा कि 2016..17 में जब पानी के बिलों में इसी तरह की छूट दी गई थी तब दिल्ली सरकार को 484 करोड़ रुपए दिल्ली जल बोर्ड को देने थे, क्या वो दिए गए? दिल्ली जल बोर्ड का 5000 करोड़ रुपए का वार्षिक बजट है जिसमें ढाई हजार करोड़ योजना और इतनी ही राशि गैर योजना मद में है। श्री केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि पिछले वर्ष जल बोर्ड की आमदनी 1800 करोड़ रुपए थी तो 700 करोड़ का घाटा कहां से पूरा कर रहे हैं। दिल्ली की जनता इसका जवाब चाहती है।


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