आंगनबाड़ी केन्द्रों को फिर से खोलने का निर्णय आपदा प्रबंधन के पास : डब्ल्यूसीडी
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (डब्ल्यूसीडी) के अनुसार आंगनबाडी केन्द्रों को फिर से खोलने या न खोलने का निर्णय राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निर्देश पर राज्य सरकार द्वारा लिया जाता है

नई दिल्ली। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (डब्ल्यूसीडी) के अनुसार आंगनबाडी केन्द्रों को फिर से खोलने या न खोलने का निर्णय राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निर्देश पर राज्य सरकार द्वारा लिया जाता है। महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि कोविड-19 परिस्थितियों के दौरान आंगनबाडी केन्द्रों के संचालन की अनुमति सरकार द्वारा गत 15 अप्रैल 2020 को जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार आंगनबाडी कार्यकर्ताओं द्वारा 15 दिनों में एक बार लाभार्थियों अर्थात बच्चों, महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को निरंतर पोषण सहायता सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।
इसके अलावा आवश्यकता के अनुसार दवाओं का वितरण किया जाना है और एसएएम बच्चों के लिए समय पर चिकित्सा हस्तक्षेप पर विशेष ध्यान दिया जाना है। इसके अलावा, कोविड महामारी के दौरान टीकाकरण सेवाओं सहित आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में सक्षम बनाने के लिए कदम उठाए गए हैं। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सभी आवश्यक उपायों का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए, आंगनवाड़ी केंद्रों पर टीकाकरण सत्रों के संचालन के लिए राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देशित किया गया है।
साथ ही, कोविड-19 अवधि के दौरान मंत्रालय ने लाभार्थियों को सेवाओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्यों व संघ राज्य क्षेत्रों से नियमित रिपोर्ट मांगी है।
आंगनवाड़ी सेवाओं को पहले ही सार्वभौमिक बना दिया गया है और देश भर में सभी बस्तियों को कवर करने के लिए इसका विस्तार किया गया है।
उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी सेवाएं एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसे राज्य सरकारों व संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों के माध्यम से कार्यान्वित किया जाता है। केंद्र सरकार भोजन के माध्यम से प्रदान की जाने वाली एसएनपी के लिए भोजन की कैलोरी और प्रोटीन सामग्री निर्धारित करती है, जबकि एसएनपी में शामिल किए जाने वाले भोजन के प्रकार का निर्धारण संबंधित राज्यों व संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा स्थानीय भोजन और सांस्कृतिक रूप से उपयुक्त आदतों के आधार पर किया जाता है।


