एक और हाथी की मौत
एक हाथी की मौत हो गई सुबह जब खेत जा रहे किसान ने देखा तब उसके होश उड़ गए

2 साल में सात मारे गए
धरमजयगढ़। और एक हाथी की मौत हो गई सुबह जब खेत जा रहे किसान ने देखा तब उसके होश उड़ गए। किसान महेत्तर राठिया के खेत के पास एक युवा नर हाथी मृत अवस्था में पड़ा हुआ था। इस मामले में किसान की चिंता भी लाजमी थी क्योंकि हाथी उसके खेत के पास ही मरा हुआ पड़ा था। आनन-फानन में वन महकमा को इसकी जानकारी दी गई।
धरमजयगढ़ वन मण्डल में लगातार हाथियों की मौत का सिलसिला किसी न किसी कारण हो रही है। यहां या तो हाथियों की मौत होती है या फिर इनकी वजह से मानव की मौत होती है। यहां हाथियों व मानव के बीच द्वंद लगातार पिछले कई सालों से चली आ रही है। यदि पिछले दो सालों के आंकड़ों पर गौर करें तो यह 7 वें हाथी की मौत है।
धरमजयगढ़ वन मण्डल के छाल वन परिक्षेत्र अंतर्गत बहेरामार में एक किसान के खेत के पास मृत अवस्था में पाया गया। आरंभिक जांच में सतही तौर पर माना जा रहा है कि किसान द्वारा खेत में ग्रीष्म कालीन धान की फसल लगाया है जिसमें अब बालियां निकल रही है लेकिन इसमें कीटों का प्रकोप आते देख किसान द्वारा यूरिया के साथ कीटनाशक दवा फोर-8 नामक कीटनाशक दवा डाला था जिसकी बदबू दूर तक जा रही है।
माना जा रहा है कि चूूंकि खेत में पानी लबालब भरा हुआ है और हाथी इसी पानी को पीने के बाद मरा होगा। फिलहाल अधिकारी डॉक्टर के आने का इंतजार कर रहे हैं डॉक्टर के आने के बाद पीएम के बाद हाथी की मौत का सही खुलासा हो सकेगा।
बंद होगा मौतों का सिलसिला
जिले में हाथियों की मौत व हाथियों की वजह से मानव जाति की मौत का सिलसिला कब बंद होगा। यूं तो हाथियों व मानव के बीच चलने वाली जंग को लेकर कागजों पर तमाम तरह की बातें होते हैं लेकिन , पिछले सालों में क्षेत्र में हाथी रहवास क्षेत्र, हाथी कारीडोर आदि कई योजनाओं को लेकर खुब वाहवाही लूटी गई थी लेकिन हाथी व मानव के बीच जंग व होने वाली मौत पर रोक लगाने की कोई भी कवायद वास्तविकता की धरातल पर नहीं उतर सका।


