सड़क में जानलेवा गड्ढा, गिरने से गम्भीर हादसे का खतरा
एन-एच-53 पर टप्पा सवैया से ले कर लहरोद तक वर्तमान प्रचलित सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। जिसकी मरम्मत के लिए कोई सुध नहीं ले रहा है

पिथौरा। एन-एच-53 पर टप्पा सवैया से ले कर लहरोद तक वर्तमान प्रचलित सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। जिसकी मरम्मत के लिए कोई सुध नहीं ले रहा है। इस सड़क पर चलने वाले लोग गिरकर घायल हो रहे हैं तथा दुर्घटना के शिकार हो रहे। विशेषकर दोपहिया सवार लोगों को इससे ज्यादा खतरा है।
पिथौरा शहर के लिए बनाए जाने वाला बायपास सड़क विवादों के चलते अधूरा होने के कारण शहर के भीतर से गुजरने वाले सड़क का उपयोग आज भी भारी वाहनों के आवागमन के लिए किया जा रहा है। लिहाजा आज भी यह सड़क उपयोगी है। हजीरा से पारादीप को जोड़ने वाले नेशनल हाइवे-53 की दूरी करीब दो हजार किलोमीटर है। जिसमें प्रतिदिन हजारों की तादाद में भारी वाहनों का आवागमन होता है। बायपास सड़क निर्माण के अधूरा होने के कारण वर्तमान में शहर के भीतर से गुजरने वाले सड़क का उपयोग हो रहा है।
गड्ढों से हो रहे हैं हादसे
बार चौक में दो स्थानों पर गति अवरोधक बनाया गया है। उक्त अवरोधकों के पास दो जगह पर बड़े-बड़े गड्ढे हो जाने के कारण रोज हादसे होने लगे हैं। विशेषकर रात में इन गड्ढों में लोग गिरकर चोटिल हो रहे हैं। उक्त सड़क के मरम्मत का जिम्मा इस समय सड़क निर्माण कम्पनी बीएससीपीएल के पास है। लेकिन उक्त कम्पनी भी इन गड्ढों की मरम्मत की अनदेखी कर रही है।
जेब्रा क्रासिंग पट्टी भी नहीं
बनाए गए दोनों ब्रेकर के पास आज तक जेब्रा क्रासिंग पट्टी नहीं लगाया गया है। जिसके कारण तेज रफ्तार से चलने वाले वाहन चालक इन स्थानों पर उछल जाते हैं। विशेषकर रात में यहां पर ज्यादातर हादसे होते हैं। हालांकि अभी तक कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई है। लेकिन दुपहिए सवार के गिरने एवं चोटिल होने की कई घटनाएं हो चुकी है। बहरहाल, इन गड्ढों की मरम्मत की आवश्यकता है।
लहरोद पड़ाव में हर रोज गिरते है चालक
लहरोद पड़ाव में सड़क से लग कर बड़े बड़े गड्ढे होने से हर दिन कोई न कोई हादसे का शिकार हो रहे है हालांकि की बड़ी घटना प्रकाश में नहीं आई है।


